नई दिल्ली। देश के उत्तरी हिस्से के पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के साथ साथ समूचे उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में भी बारिश व बाढ़ से भारी तबाही मची है। पंजाब से लेकर दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में जनजीवन अस्तव्य़स्त है। जम्मू कश्मीर में लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण जम्मू श्रीनगर नेशनल हा ईवे सहित सभी सड़कें बह गईं या टूट गईं। इससे घाटी का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क कट गया है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी सैकड़ों सड़कें बंद हैं।
दिल्ली और एनसीएआर में लगातार बारिश के कारण यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इससे कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। दिल्ली के कई इलाकों में तीन दिन से पानी भरा है। गाड़ियां डूबी हैं और घरों में पहली मंजिल तक पानी पहुंच गया है। राहत शिविरों में भी पानी भर गया है। उत्तर प्रदेश के नोएडा में सेक्टर 135 और सेक्टर 151 में कई तीन से चार फीट पानी भर गया है।
हरियाणा के पंचकूला, हिसार, रोहतक और झज्जर में सभी स्कूल बंद हैं। फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और फरीदाबाद में भी कुछ स्कूल बंद कर दिए गए हैं। भारी बारिश और बाढ़ के कारण गुरुग्राम की एक सोसायटी में पानी भर गया। इससे महिलाएं और बच्चे घरों में कैद हो गए। उधर पंजाब में बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 50 के करीब हो गई है। राज्य के सभी 23 जिलों के करीब 17 सौ गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और साढ़े तीन लाख लोग बाढ़ में फंसे हैं।