अल्बर्टा। कनाडा के अल्बर्टा राज्य के कैननास्किस में चल रहे जी-7 सम्मेलन में इजराइल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध का असर दिख रहा है। सम्मेलन के पहले दिन जी-7 देशों ने इजराइल का समर्थन किया। मंगलवार सुबह साझा बयान में कहा गया कि इजराइल को अपनी आत्मरक्षा करने का अधिकार है। इसमें यह भी कहा गया कि ईरान के पास कभी भी परमाणु हथियार नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही जी-7 देशों ने इजराइल की सुरक्षा के प्रति अपने समर्थन की फिर से पुष्टि की।
जी-7 सम्मेलन के पहले दिन सभी सदस्य देशों ने इजराइल और ईरान संकट पर चिंता जताई। मंगलवार को जारी एक साझा बयान में ईरान से तनाव कम करने की अपील की गई है। साझा बयान में यह भी जोर दिया गया है कि मध्य पूर्व में तनाव को कम करने की किसी भी कोशिश में गाजा में सीजफायर भी शामिल होना चाहिए, ताकि पूरे इलाके में शांति की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए जा सकें।
अगला जी-7 सम्मेलन फ्रांस में होगा। मेजबानी की घोषणा के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को कनानास्किस में जी-7 नेताओं और अन्य मेहमान देशों की की मेजबानी करने के लिए धन्यवाद दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी-7 सम्मेलन बीच में छोड़ कर अमेरिका वापस लौट गए हैं। इसके चलते उनकी यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बैठक रद्द हो गई है। जेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ हथियार खरीद पर चर्चा करने की योजना बनाई थी।
इस बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साइप्रस की यात्रा के बाद कनाडा पहुंचे। कनाडा के कैलगरी पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘जी-7 सम्मेलन में भाग लेने आया हूं। यहां कई नेताओं से मुलाकात करूंगा। महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा करूंगा। साथ ही, वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं को भी प्रमुखता से रखूंगा’।


