जम्मू। माता वैष्णो देवी के रास्ते में हुए भूस्खलन के बाद जम्मू में बारिश की वजह से बड़ी आफत आई हुई है। जम्मू में बारिश का 115 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। मौसम विभाग न बताया है कि मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे से लेकर बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक यानी 24 घंटे में जम्मू में 296 मिलीमीटर बारिश हुई। 52 साल पहले 1973 में नौ अगस्त को 272.6 मिलीमीटर बारिश हुई थी। यह रिकॉर्ड टूट गया है।
भारी बारिश की वजह से कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए राज्य में 10 हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। बाढ़ और बारिश की स्थिति को देखते हुए उत्तर रेलवे ने जम्मू से कटरा को पहुंचने वाली ट्रेनों को रद्द कर दिया है। दूसरी ओर जम्मू कश्मीर से लगते हिमाचल प्रदेश और पंजाब में लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं। पंजाब में बांधों से पानी छोड़ने के कारण बुधवार को पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, होशियारपुर, कपूरथला, फिरोजपुर और फाजिल्का में बाढ़ आ गई।
गुरदासपुर के दाबुरी स्थित नवोदय विद्यालय में चार सौ से ज्यादा छात्र और शिक्षक बाढ़ में फंस गए। स्कूल के निचले तले पर पांच फीट पानी भर गया है। छात्रों और शिक्षकों को निकालने के लिए एनडीआरएफ और सेना की टीमें पहुंची और बुधवार को शाम तक उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया। राज्य में भारी बारिश के चलते सभी स्कूलों को 30 अगस्त तक बंद करने के आदेश दिए गए हैं। उधर रावी नदी में बाढ़ के चलते करतारपुर साहिब कॉरिडोर में भी कई फीट तक पानी भर गया है। इसके कारण पाकिस्तान का श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में भी पानी भर गया है।
पंजाब के पठानकोट के माधोपुर हेडवर्क्स में सेना ने बाढ़ के पानी से घिरी एक जर्जर इमारत से सीआरपीएफ के 22 जवानों और तीन नागरिकों को हेलीकॉप्टर से निकाला। इन लोगों को निकालने के लिए सेना का हेलीकॉप्टर जर्जर इमारत की छत पर उतरा था। बताया जा रहा है कि छत से हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने के बाद ही इमारत का अगला हिस्सा पानी में समा गया। इसके बाद भी सेना ने उस इमारत की छत पर फंसे सभी लोगों को बचाया।