नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने कहा है कि राहुल गांधी के इधर उधर लेख लिखने या सवाल उठाने पर चुनाव आयोग आधिकारिक रूप से जवाब नहीं देगा। अगर राहुल गांधी आयोग को चिट्ठी लिखते हैं तो उसका जवाब दिया जाएगा। अगर वे मिलने का समय मांगते हैं तो वह भी दिया जाएगा। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने शनिवार को 13 भाषाओं में 15 अखबारों में लेख लिखा, जिसमें उन्होंने पिछले साल नवंबर में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में धांधली के आरोप लगाए।
इसे लेकर चुनाव आयोग ने कहा है कि 24 घंटे बाद भी राहुल ने चुनाव आयोग को कोई पत्र नहीं लिखा है और न ही बैठक के लिए समय मांगा है। चुनाव आयोग से जुड़े एक सूत्र ने न्यूज एजेंसी एएनआई को यह बात बताई। सूत्रों के हवाले से आई खबर के मुताबिक चुनाव आयोग ने कहा कि राहुल एक तरफ कहते हैं कि उनके बताए मुद्दे गंभीर हैं, लेकिन जब उन्हें चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखने की बात आती है, तो वे कतराते हैं। सूत्र के मुताबिक, प्रक्रिया के अनुसार कोई भी संवैधानिक संस्था औपचारिक रूप से तभी जवाब दे सकती है, जब राहुल गांधी उसे चिट्ठी लिखेंगे।
गौरतलब है कि राहुल ने शनिवार, सात जून को एक लेख लिखा था। इसमें उन्होंने दावा किया था कि महाराष्ट्र चुनाव में ‘मैच फिक्सिंग’ हुई, अब इसी तरह की फिक्सिंग बिहार चुनाव में भी होगी। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी की ओर से उठाए गए सभी सवालों का अनौपचारिक रूप से जवाब दिया है। इस पर राहुल गांधी ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर चुनाव आयोग को लक्ष्य करके लिखा था कि ‘आप एक संवैधानिक संस्था हैं। बिना साइन और टालमटोल वाले नोट जारी करके गंभीर सवालों के जवाब देने का तरीका सही नहीं है। अगर आपके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो मेरे सवालों के जवाब दें और इसे साबित करें’।
राहुल की इस पोस्ट पर चुनाव आयोग के सूत्र ने न्यूज एजेंसी से रविवार को कहा कि राहुल औपचारिक चिट्ठी लिखेंगे तो उनको औपचारिक जवाब दिया जाएगा। साथ ही आयोग ने यह भी कहा कि देश भर में आयोग के साढ़े 10 लाख बूथ लेवल अधिकारी, 50 लाख मतदान अधिकारी और एक लाख मतगणना पर्यवेक्षक भी राहुल गांधी की तरफ से लगाए जा रहे आरोपों से निराश हैं। आरोप कर्मचारियों की ईमानदारी और कड़ी मेहनत पर सवाल उठाते हैं।