नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का मुद्दा अभी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति से जुड़ गया है। ट्रंप प्रशासन की ओर से अमेरिका की एक अदालत में दलील दी गई है कि अगर ट्रंप के पास टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं होता तो भारत और पाकिस्तान जैसे दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच सीजफायर नहीं होता। यहां तक कहा गया कि ट्रंप ने कारोबार का मुद्दा लाकर सीजफायर कराया और अगर ट्रंप के पास टैरिफ लगाने की शक्ति नहीं होगी तो यह सीजफायर खत्म हो जाएगा। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री ने कोर्ट से कहा कि सिर्फ राष्ट्रपति ट्रंप के हस्तक्षेप से ही सीजफायर हो पाया।
गौरतलब है कि अमेरिका के छोटे व्यापारियों ने यूएस कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड में मुकदमा किया और कहा है कि ट्रंप के टैरिफ लगाने के फैसले का विश्व व्यापार पर व्यापक असर हो सकता है। इस मामले की सुनवाई के दौरान अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक ने अदालत से कहा, ‘टैरिफ की शक्तियों को सीमित करने वाले फैसले का हर उस क्षेत्र पर असर होगा, जिसमें आर्थिक साधनों का रणनीतिक प्रभाव के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण के लिए, भारत और पाकिस्तान, दो परमाणु शक्तियों के बीच, सिर्फ 13 दिन पहले ही युद्ध चल रहा था। 10 मई 2025 को दोनों देशों के बीच सीजफायर हुआ। यह सीजफायर सिर्फ राष्ट्रपति ट्रंप के हस्तक्षेप की वजह से हो पाया’। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने व्यापार नहीं करने की चेतावनी देकर युद्धविराम कराया।
अमेरिकी अदालत में वहां के एक मंत्री के दिए इस बयान के बाद भारत में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगा है। गौरतलब है कि भारत सरकार लगातार इस बात से इनकार करती रही है कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने सीजफायर कराया और उसमें व्यापार की धमकी का इस्तेमाल हुआ था। लेकिन वाणिज्य मंत्री लुटनिक के बयान के बात कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश और मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने सवाल पूछे हैं।
रमेश ने कहा है, “प्रधानमंत्री को देश को यह बताना चाहिए कि क्या यह सच है, अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक ने 23 मई 2025 को न्यूयॉर्क स्थित यूएस कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड में एक बयान दायर कर कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच एक ‘कमजोर युद्धविराम’ कराने और ‘नाजुक शांति’ स्थापित करने के लिए अपने टैरिफ अधिकारों का इस्तेमाल किया था”? उन्होंने कहा, ‘हावर्ड लुटनिक वही बात दोहरा रहे हैं, जो खुद राष्ट्रपति ट्रंप 11 दिनों में ती अलग अलग देशों में आठ बार सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी इसी तरह का बयान देते हुए भारत पाकिस्तान के बीच बातचीत के लिए एक ‘न्यूट्रल साइट’ का जिक्र किया है। प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ो’!
पवन खेड़ा ने भी सोशल मीडिया में एक पोस्ट करके कहा, ‘क्या पीएम इस पर अपना मुंह खोलेंगे’? उन्होंने भी लुटनिक के बयान का हवाला दिया और कहा कि लुटनिक ने अमेरिकी अदालत में कहा है कि यह युद्धविराम तभी संभव हो पाया, जब राष्ट्रपति ट्रंप ने हस्तक्षेप किया और दोनों देशों को पूर्ण पैमाने पर युद्ध को टालने के लिए अमेरिका के साथ व्यापार करने की अनुमति दी।