पुणे। पाकिस्तान के संघर्ष में भारत के विमान गिरने का खुलासा करने के बाद सिंगापुर से लौटे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने बताया है कि पाकिस्तान ने नौ और 10 मई की रात को भारत पर बहुत बड़ा हमला किया था और उसकी योजना 48 घंटे में भारत को हरा देने की थी। उन्होंने मंगलवार को पुणे यूनिवर्सिटी भविष्य के युद्ध के मुद्दे पर व्याख्यान दिया।
सीडीएस ने कहा, ’10 मई रात एक बजे पाकिस्तान ने भारत को 48 घंटे में घुटने पर लाने की प्लानिंग की थी, उसने कई जगह पर एक साथ हमले किए और संघर्ष को बढ़ाया, लेकिन उसकी योजना आठ घंटे में ही फेल हो गई थी। इसके बाद बड़े नुकसान के डर से सीजफायर के लिए कॉल किया। हमने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था’। उन्होंने कहा, ‘भारत आतंक और न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग की छाया में रहने वाला नहीं है। प्रोफेशनल मिलिट्री फोर्स पर असफलताओं और नुकसान का असर नहीं पड़ता। आपको अपना मनोबल बनाए रखने की जरूरत है। नुकसान महत्वपूर्ण नहीं हैं, बल्कि परिणाम महत्वपूर्ण हैं’।
जनरल चौहान ने अपने व्याख्यान में कहा कि पहलगाम में जो कुछ हुआ उससे कुछ हफ्ते पहले ही पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने भारत और हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला था। पहलगाम में जो हुआ वह पीड़ितों के लिए घोर क्रूरता थी। भारत की सैन्य कार्रवाई के बारेर में बताते हुए उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के पीछे सोच यह थी कि पाकिस्तान से राज्य प्रायोजित आतंकवाद को रोकना है।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने कहा कि पाकिस्तान की प्लानिंग फेल होने के बाद उसने भारत से फोन पर संपर्क किया था। उसे लगा था कि अगर यह जारी रहा तो उसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा। जनरल चौहान ने कहा कि जब पाकिस्तान की ओर से बातचीत और तनाव कम करने का अनुरोध आया, तो हमने भी इसे स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भी युद्ध और राजनीति बराबरी से हो रही थी। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी ठिकानों पर बहुत सोच-समझकर सटीक हमले किए और उनमें से कुछ दो मीटर जितने करीब थे।