नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बहुत बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि भारत अब रूस से कच्चा तेल नहीं खरीदेगा। ट्रंप का दावा है कि यह भरोसा उनको खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिलाया है। हालांकि भारत ने ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप के बयान के बारे में पूछे जाने पर कहा कि जहां तक उनको जानकारी है, कल यानी बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की कोई बात नहीं हुई है। हालांकि यह ट्रंप के दावे का जवाब नहीं हुआ क्योंकि उन्होंने यह भी कहा कि भारत में नियुक्त अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर की पिछले दिनों मोदी से मुलाकात हुई थी।
ट्रंप ने यह दावा गुरुवार को व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी मेरे दोस्त हैं। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। भारत के रूस से तेल खरीदने से मुझे खुशी नहीं थी लेकिन आज उन्होंने मुझे भरोसा दिया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे। अब हमें चीन से भी यही करवाना होगा’। गौरतलब है कि रूस से कच्चा तेल खरीदने की वजह से अमेरिका ने भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है, जिससे भारत पर कुल टैरिफ बढ़ कर 50 फीसदी हो गया है।
बहरहाल, व्हाइट हाउस में ट्रंप ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘हाल में भारत में अमेरिकी राजदूत बनने जा रहे सर्जियो गोर और पीएम मोदी की मुलाकात हुई थी। इस मीटिंग के बाद सर्जियो ने मुझे बताया कि, वे ट्रंप से प्यार करते हैं, हालांकि मैं चाहूंगा कि यहां प्यार शब्द का गलत मतलब न निकालें, मैं किसी का पॉलिटिकल करियर खराब नहीं करना चाहता’। ट्रंप ने आगे कहा, ‘मैंने सालों से भारत को देखा है, वहां हर साल सरकार बदल जाती है। मेरे दोस्त लंबे समय से वहां पर हैं। उन्होंने भरोसा दिया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। हालांकि वे इसे तुरंत रोक नहीं सकते, लेकिन इसकी एक प्रक्रिया है जिसे जल्दी पूरा किया जाएगा’।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के इस दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा, ‘भारत को रूसी तेल की आपूर्ति के मामले में निरंतर सहयोग चल रहा है। मुझे लगता है कि हम भारत के साथ इस क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा जारी रखेंगे’। उन्होंने कहा, ‘जहां तक भारत और अमेरिका के संबंधों का सवाल है, हम उनमें दखल नहीं करते हैं। यह भारत और अमेरिका के बीच का मामला है। भारत का हमारे साथ दोपक्षीय संबंध है’। रूसी राजदूत ने यह भी कहा कि रूस की तेल आपूर्ति भारतीय अर्थव्यवस्था और भारतीय लोगों के बहुत फायदेमंद है


