कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव जीतने के बाद तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय की विधायकी समाप्त हो गई है। विधानसभा स्पीकर ने तो उनके ऊपर कार्रवाई नहीं की लेकिन कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को दलबदल विरोधी कानून के तहत मुकुल रॉय की पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी।
जस्टिस देबांगसु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और भाजपा विधायक अंबिका रॉय की याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया। शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा अध्यक्ष बनर्जी के उस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें मुकुल रॉय को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराने की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा के टिकट पर चुने जाने के बाद मुकुल रॉय सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
गौरतलब है कि मुकुल रॉय मई 2021 में भाजपा की टिकट पर विधायक बने थे लेकिन 11 जून 2021 को वे और उनके बेटे सुभ्रांशु तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद 18 जून 2021 को शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को मुकुल की सदस्यता खत्म करने को लेकर अर्जी दी थी। उन्होंने दलबदल कानून के तहत सदन में रॉय की सदस्यता को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।


