नई दिल्ली। प्रेस की आजादी के मामले में भारत का रिकॉर्ड बहुत बुरा बना हुआ है। हालांकि 2025 के प्रेस फ्रीडम सूचकांक में भारत की रेटिंग में थोड़ा सुधार हुआ है फिर भी वह 151वें नंबर पर है। पेरिस स्थित इंटरनेशनल संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की 2025 के वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत को 180 देशों में 151वें स्थान पर रखा गया है। इस सूची में पिछले साल भारत की रैंकिंग 159 थी।
इस सूचकांक में इरीट्रिया सबसे निचले पायदान पर और नॉर्वे पहले पायदान पर है। भूटान, पाकिस्तान, तुर्किये, फिलिस्तीन, चीन, रूस, अफगानिस्तान, सीरिया और उत्तर कोरिया को भारत से नीचे रखा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद अमेरिका में भी प्रेस की स्थिति में गिरावट आई है। इस साल के सूचकांक में अमेरिका 57वें पायदान पर है, पिछले साल उसकी रैंकिंग 55 थी।
रिपोर्ट में कहा गया है दुनिया की आधी आबादी वाले 42 देशों ऐसे हैं, जहां प्रेस की स्थिति ‘बहुत गंभीर’ है। इन देशों में प्रेस को लगभग नहीं के बराबर आजादी है। यहां पत्रकारिता करना खतरे से खाली नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक गाजा में छिड़ी जंग में अब तक दो सौ से ज्यादा पत्रकारों की मौत हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गाजा में इजराइली सेना ने कई न्यूजरूम को पूरी तरह तबाह कर दिया है। 2023 में लड़ाई शुरू होने के बाद से अब तक गाजा में दो सौ से ज्यादा पत्रकार मारे जा चुके हैं।