लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संस्थापक नेताओं में से एक आजम खान 23 महीने बाद जेल से रिहा होकर अपने घर पहुंचे हैं। जेल से निकलने के बाद पत्रकारों ने उनसे बहुजन समाज पार्टी में शामिल होने की अटकलों के बारे में पूछा, जिसे उन्होंने सिरे स खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘यह अटकलें लगाने वाले ही बता सकते हैं। मैं जेल में किसी से नहीं मिला। फोन करने तक की इजाजत नहीं थी’।
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि सपा सरकार बनते ही आजम खान पर लगे सारे केस हटा दिए जाएंगे? इस बारे में पूछे जाने पर आजम चुप हो गए और मुस्कुरा दिए। बहरहाल, आजम खान को पांच दिन पहले हाई कोर्ट ने बीयर बार पर कब्जे से जुड़े केस में जमानत दी थी। यह आखिरी मामला था, जिसमें उन्हें जमानत मिली। हालांकि, जमानत मिलते ही पुलिस ने शत्रु संपत्ति मामले में नई धाराएं जोड़ दीं। लेकिन 20 सितंबर को रामपुर कोर्ट ने ये धाराएं खारिज कर दीं, जिससे रिहाई का रास्ता साफ हो गया। आजम खान के ऊपर एक सौ से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं।
मंगलवार को उनके लेने के लिए रामपुर जेल में उनके दोनों बेटे अदीब और अब्दुल्ला पहुंचे थे। उनके साथ सैकड़ों गाड़ियों का काफिला था। बताया गया है कि आजम की रिहाई सुबह नौ बजे होनी थी, लेकिन एक केस में छह हजार जुर्माना नहीं भरा गया था। तभी 10 बजे कोर्ट खुलने पर यह रकम जमा हुई और इसके बाद करीब साढ़े 12 बजे उनकी रिहाई हुई। मुरादाबाद सांसद रुचि वीरा और उनके साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी उनको लेने पहुंचे थे।