इस्तांबुल। रूस और यूक्रेन के बीच तुर्किए में हुई बातचीत बेनतीजा रही है। शुक्रवार, 16 मई को इस्तांबुल में पहली बातचीत हुई। इसमें दोनों देशों का प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ, जिसकी मध्यस्थता तुर्किए के अधिकारियों ने की। यह बातचीत करीब दो घंटे तक चली। यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव और रूस के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पुतिन के सहयोगी व्लादिमिर मेंडिस्की ने किया।
गौररतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 से जंग चल रही है। पिछले तीन साल में ऐसा पहली बार है जब दोनों देशों के बीच शांति को लेकर सीधी बातचीत हुई। इसकी पहल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की थी। हालांकि पुतिन के प्रस्ताव पर जेलेंस्की ने पुतिन को चुनौती दी थी कि वे खुद वार्ता के लिए आएं। हालांकि पुतिन नहीं गए तो जेलेंस्की भी पीछे हट गए और दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल ने वार्ता की।
अगर पुतिन और जेलेंस्की वार्ता की टेबल पर आते तो अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भी उसमें शामिल हो सकते थे। लेकिन पुतिन के शांति वार्ता में नहीं शामिल होने के फैसले के बाद ट्रंप ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि जब तक पुतिन और मैं एक साथ नहीं आते, तब तक कुछ भी होने वाला है, चाहे आप इसे पसंद करें या नहीं। लेकिन हमें इसे हल करना होगा क्योंकि बहुत से लोग मर रहे हैं’। हालांकि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि पुतिन की आने वाले दिनों में ट्रंप से मिलने की कोई योजना नहीं है।
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