nayaindia arvind kejriwal supreme court केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जवाब

केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जवाब

Arvind Kejriwal
Arvind Kejriwal Supreme Court

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। ईडी की ओर से सर्वोच्च अदालत में दिए गए हलफनामे के जवाब में केजरीवाल ने अपना हलफनामा दिया है। उन्होंने कहा कि ईडी सिर्फ जांच में सहयोग नहीं करने का हवाला देकर गिरफ्तार नहीं कर सकती है। केजरीवाल ने दावा किया है कि उनकी गिरफ्तारी सुप्रीम कोर्ट की ओर से दी गई व्यवस्था को नजरअंदाज करके की गई है। उन्होंने कहा कि ईडी की तरफ से भेजे गए हर एक समन का विस्तार से जवाब दिया गया है। अगले हफ्ते इस मामले में सुनवाई होगी।

केजरीवाल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में कहा गया है कि जो दस्तावेज उनके पक्ष में आते हैं, उनको जान बूझकर कोर्ट के सामने ईडी ने नहीं रखा। जिन बयानों और सबूतों के आधार पर अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई है वो सात दिसंबर 2022 से लेकर 27 जुलाई 2023 तक के हैं। उसके बाद से कोई भी सबूत केजरीवाल के खिलाफ ईडी के पास नहीं हैं। केजरीवाल ने सवाल किया है कि इन पुराने सबूतों के आधार पर 21 मार्च को गिरफ्तारी की क्या जरूरत थी? उन्होंने दावा किया है कि 21 मार्च को गिरफ्तारी से पहले इन पुराने सबूतों पर सफाई को लेकर केजरीवाल का कोई बयान भी दर्ज नही किया गया।

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में कहा है कि ईडी ने जान बूझकर उन सह आरोपियों के उन बयानों को कोर्ट में नहीं रखा है, जिसमें केजरीवाल पर कोई आरोप नहीं लगाया गया था। उन्होंने कहा है कि ईडी का एकमात्र मकसद ये था कि केजरीवाल के खिलाफ कुछ बयानों को हासिल किया जाए, जैसे ही बयान मिले उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस हलफनामे में कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी अपने आप में एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे केंद्र सरकार ईडी जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर अपने राजनीतिक विरोधियों को खत्म करने में लगी है।

केजरीवाल ने इस जवाब में कहा है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आम आदमी पार्टी को साउथ ग्रुप से धन या एडवांस में रिश्वत मिली। गोवा चुनाव प्रचार में उनका उपयोग करना तो दूर की बात है। इसमें दावा किया गया है कि आम आदमी पार्टी को एक भी रुपया नहीं मिला है। ईडी की ओर से लगाए गए आरोप का कोई ठोस सबूत नहीं हैं। इसमें कहा गया है कि ईडी की तरफ से एक गवाह मगुंटा श्रीनिवास रेड्डी अब तेलुगू देशम पार्टी ज्वाइन कर चुका है, वो अब एनडीए का हिस्सा है।

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