ढाका। बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ चल रही हिंसा के बीच के सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में 56 फीसदी आरक्षण देने के ढाका हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया है। कोर्ट ने रविवार को आदेश जारी करते हुए आरक्षण को 56 फीसदी से घटा कर सात फीसदी कर दिया। इसमें से स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों को पांच फीसदी आरक्षण मिलेगा, जो पहले 30 फीसदी था। बाकी दो फीसदी में एथनिक माइनॉरिटी, ट्रांसजेंडर और दिव्यांग शामिल होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि 93 फीसदी नौकरियां मेरिट के आधार पर मिलेंगी। गौरतलब है कि बांग्लादेश की सरकार ने 2018 में अलग अलग श्रेणी को मिलने वाला 56 फीसदी आरक्षण खत्म कर दिया था, लेकिन इस साल पांच जून को वहां के एक हाई कोर्ट ने सरकार के फैसले को पलटते हुए दोबारा आरक्षण लागू कर दिया था। इसके बाद से ही बांग्लादेश में हिंसा का दौर शुरू हो गया।
बांग्लादेश में पिछले कई दिनों से चल रही हिंसा में कम से कम 115 लोग मारे जा चुके हैं। हालात बिगड़ने के बाद सरकार ने शनिवार को पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया था और प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं। हालात संभालने के लिए पुलिस की जगह सेना तैनात की गई है। स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्पेन और ब्राजील का अपना दौरा रद्द कर दिया है। हालांकि मान जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हिंसा थम जाएगी।
लेकिन ऐहतियात के तौर पर ढाका यूनिवर्सिटी को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है। छात्रों को बुधवार तक हॉस्टल खाली करने को कहा गया है। अस्पतालों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस हफ्ते छात्र प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पों में अब तक कम से कम 115 लोग मारे गए हैं। इनके अलावा ढाई हजार से ज्यादा घायल हुए हैं। हालांकि अलग अलग समाचार माध्यम मृतकों की संख्या अलग अलग बता रहे हैं।