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जबरन चंदा वसूली का आरोप

Congress

नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड की योजना को असंवैधानिक करार देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार ने चंदा वसूलने के लिए ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया है। उसने इस आरोप की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है। शुक्रवार को कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने प्रेस कांफ्रेंस करके भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। Congress

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबी पोस्ट लिख कर केंद्र सरकार पर हमला किया। उन्होंने लिखा- क्या आपको प्रधानमंत्री की ‘चंदा दो, बेल और बिजनेस लो’ योजना के बारे में पता है। देश के प्रधानमंत्री ‘वसूली भाई’ की तरह ईडी, आईटी और सीबीआई का दुरुपयोग कर ‘चंदे का धंधा’ कर रहे हैं। राहुल ने आगे लिखा- रिपोर्ट्स में सामने आया है कि वसूली एजेंट बन चुकी एजेंसियों की जांच में फंसी 30 कंपनियों ने भाजपा को जांच के दौरान 335 करोड़ का चंदा दिया। चंदे का धंधा इतनी बेशर्मी से चल रहा है कि एमपी की एक डिस्टिलरी के मालिक ने बेल मिलते ही चंदा दे दिया। Congress

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जयराम रमेश ने प्रेस कांफ्रेंस कहा- वित्त वर्ष 2018-19 और 2022-23 के बीच भाजपा को करीब 335 करोड़ रुपए का चंदा देने वाली कम से कम 30 कंपनियों को केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। जयराम रमेश ने बताया कि केसी वेणुगोपाल ने इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्‌ठी लिख कर सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि तीन में से दो एजेंसियां वित्त मंत्रालय के अधीन हैं, पूरा देश जानता है कि सरकार जांच एजेंसियों को रिमोट कंट्रोल से चला रही है। रमेश ने कहा- 2014 के बाद से नेताओं के खिलाफ ईडी के मामलों में चार गुना बढ़ोतरी इस बात का सबूत है। इनमें से 95 फीसदी मामले विपक्षी नेताओं के खिलाफ हैं।

रमेश ने कहा- पिछले दिनों भाजपा की ऑडिट रिपोर्ट सामने आई थी, जिससे पता चला था कि बीजेपी की कुल आय 2022-23 में 2,361 रुपए करोड़ हो गई है। जो 2021-22 में 1,917 करोड़ रुपए थी। उन्होंने कहा- क्या सरकार भाजपा के फाइनेंस पर श्वेत पत्र लाएगी। इनमें स्रोत के साथ-साथ यह भी बताया जाए कि कैसे कॉरपोरेट कंपनियों को जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके दान देने के लिए मजबूर किया गया था। अगर आप कुछ छिपा नहीं रहे हैं तो क्या आप यह बता सकते हैं कि किस समय, किन कारणों से भाजपा का खजाना भर गया।

केसी वेणुगोपाल ने कहा कि 30 कंपनियों में से 23 कंपनियां, जिन्होंने भाजपा को कुल 187.58 करोड़ रुपए दिए थे, उन्हीं कंपनियों ने 2014 से छापा पड़ने के बीच कभी भी कोई राशि दान नहीं की थी। इनमें से कम से कम चार कंपनियों ने केंद्रीय एजेंसी के दौरे के चार महीने के अंदर ही कुल 9.05 करोड़ रुपए का दान दिया। इनमें से छह कंपनियां, जो पहले से ही भाजपा को चंदा देती थीं, उन्हें इनकार करने के बाद जांच का सामना करना पड़ा। तलाशी के बाद के महीनों में इन्हीं कंपनियों ने पार्टी को बड़ी रकम सौंपी। Congress

By NI Desk

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