नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड्स को केंद्र सरकार और भाजपा की हफ्ता वसूली योजना बताते हुए कांग्रेस ने बड़ा हमला किया है। कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली कम से कम 21 कंपनियां ऐसी हैं, जिनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की जांच चल रही है। कांग्रेस महासचिव और संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने दावा किया कि चुनावी बॉन्ड के जरिए दान देने वालों में 21 कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने सीबीआई, ईडी या आयकर विभाग की जांच का सामना किया है।
जयराम रमेश ने सोमवार को कहा कि हर दिन चुनावी बॉन्ड घोटाले का सच सामने आ रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स अपनी पोस्ट में चंदा वसूली के चार तरीके बताते हुए- चंदा दो धंधा लो, हफ्ता वसूली, ठेका लो रिश्वत दो और फर्जी कंपनी का जिक्र किया। उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा कि चुनावी बॉन्ड घोटाले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार हैं। उनसे ही पूछा जाना चाहिए कि सरकार ने चुनावी चंदा हासिल करने के लिए बदले की भावना से काम क्यों किया।
रमेश ने सोमवार को अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में केंद्रीय जांच एजेंसियों की जांच का सामना कर रही 21 कंपनियों का जिक्र किया और कुछ कंपनियों के नाम भी लिखे। उन्होंने लिखा- 10 नवंबर को दिल्ली की शराब नीति से जुड़े घोटाले में अरबिंदो फार्मा के निदेशक शरद चंद्र रेड्डी को गिरफ्तार किया गया और पांच दिन बाद ही अरबिंदो फार्मा ने पांच करोड़ रुपए का बॉन्ड खरीद कर दान दिया। आगे रमेश ने लिखा- नवयुग इंजीनियरिंग के ऊपर अक्टूबर 2018 में आयकर का छापा पड़ा और कंपनी ने छह महीने बाद अप्रैल 2019 में 30 करोड़ रुपए का बॉन्ड खरीद कर दान किया। इसी तरह रमेश ने रूंगटा संस, शिरडी साई इलेक्ट्रिक्स, रेड्डीज लैब आदि का नाम लिखा है।