नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड की खरीद बिक्री से जुड़ी सारी जानकारी शुक्रवार को सार्वजनिक हो जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बुधवार को श्रीनगर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि चुनाव आयोग चुनावी बॉन्ड के बारे में सारी जानकारी समय से सार्वजनिक कर देगा। समय से सार्वजनिक करने का मतलब है कि 15 मार्च की शाम पांच बजे तक क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने यही समय सीमा तय की है। electoral bonds supreme court
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भारतीय स्टेट बैंक ने मंगलवार की शाम को एक पेन ड्राइव में डाल कर सारा डाटा चुनाव आयोग को सौंप दिया। अब आयोग को इसे अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करना है। बहरहाल, जम्मू कश्मीर में चुनाव तैयारियों की समीक्षा के लिए पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मीडिया से बातचीत में यह भी कहा कि आयोग जम्मू कश्मीर में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष कराने के लिए प्रतिबद्ध है। electoral bonds supreme court
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इस बीच स्टेट बैंक ने एक हलफनामा दायर कर सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसने चुनावी बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी चुनाव आयोग को सौंप दी है। भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। इसमें बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के 11 मार्च के निर्देश के मुताबिक चुनावी बॉन्ड से जुड़ी उपलब्ध जानकारी चुनाव आयोग को दे दी गई है। बैंक के चेयरमैन ने कहा- हमने भारत के चुनाव आयोग को पेन ड्राइव में दो फाइलें दी हैं। एक फाइल में बॉन्ड खरीदने वालों की डिटेल्स हैं। इसमें बॉन्ड खरीदने की तारीख और रकम का जिक्र है। दूसरी फाइल में बॉन्ड को भुनाने वाले राजनीतिक दलों की जानकारी है।
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बैंक के चेयरमैन ने हलफनामे में बताया है- बैंक को दिए गए लिफाफे में जो पीडीएफ फाइल भी हैं। ये पीडीएफ फाइल पेन ड्राइव में भी रखी गई हैं, इन्हें खोलने के लिए जो पासवर्ड है, वो भी लिफाफे में दिया गया है। स्टेट बैंक के हलफनामे के मुताबिक, एक अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 तक 22 हजार 217 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए। इनमें से 22 हजार 30 बॉन्ड का पैसा राजनीतिक पार्टियों ने भुना लिया है। पार्टियों ने 15 दिन की निर्धारित अवधि के भीतर 187 बॉन्ड को नहीं भुनाया, उसकी रकम प्रधानमंत्री राहत कोष में डाल दी गई।
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गौरतलब है कि चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के लिए अतिरिक्त समय मांगने की स्टेट बैंक की याचिका पर 11 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए 24 घंटे में जानकारी देने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा- स्टेट बैंक 12 मार्च तक सारी जानकारी का खुलासा करे। चुनाव आयोग सारी जानकारी को इकट्ठा कर 15 मार्च शाम पांच बजे तक इसे वेबसाइट पर प्रकाशित करे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक बताते हुए इसकी बिक्री पर रोक लगा दी थी। साथ ही स्टेट बैंक को 12 अप्रैल 2019 से अब तक खरीदे गए चुनावी बॉन्ड की जानकारी छह मार्च तक चुनाव आयोग को देने का निर्देश दिया था।