नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने मणिपुर मामले पर नियम 267 के तहत चर्चा कराने की मांग पर दिन भर हंगामा किया जबकि सत्तापक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया। और नियम 176 के तहत चर्चा कराने की सभापति की अनुमति का समर्थन किया।
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाया और शोरगुल किया जिसका सत्तापक्ष के सदस्यों ने कड़ा विरोध किया। इसी दौरान आम आदमी पार्टी के सुशील कुमार गुप्ता के सदन में टमाटर का माला पहनकर आने से सभापति जगदीप धनखड़ बेहद नाराज हो गये और कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी।
इसके बाद कार्यवाही शुरू होने पर श्री धनखड़ ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को इस गतिरोध को दूर करने के उपाय बताने के लिए अपनी बात रखने को कहा। श्री खरगे ने कहा कि इस मुद्दे पर लगातार सदस्य नियम 267 के तहत चर्चा कराने की नोटिस दे रहे हैं और इसी के तहत चर्चा करायी जानी चाहिए। इस पर सभापति ने कहा कि मानसूत्र सत्र के पहले दिन उन्होंने इस मुद्दे पर नियम 176 के तहत चर्चा कराने की व्यवस्था दे चुके हैं। पहले इस पर 2.30 घंटे तक चर्चा कराने की व्यवस्था की गयी थी लेकिन बाद में उन्होंने इसको असीमित समय दे दिया ताकि सदस्य अपनी पूरी बात रख सके। उन्होंने श्री खरगे से पूछा कि आप इस मुद्दे को कब तक उठाते रहेंगे तो कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब तक वह इस मुद्दे पर सभापति के दिल को जीत नहीं लेते और जब तक प्रधानमंत्री सदन में आकर इस मुद्दे पर जबाव नहीं देते तब तक।