नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था सात फीसदी से ज्यादा की दर से बढ़ने की उम्मीद है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालयय यानी एनएसओ की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च को खत्म होने वाले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के 7.3 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। गौरतलब है कि अक्टूबर में खत्म हुई दूसरी तिमाही में विकास दर साढ़े सात फीसदी से ऊपर रही थी।
बहरहाल, एनएसओ की ओर से जारी आर्थिक विकास का पहला एडवांस एस्टीमेट भारतीय रिजर्व बैंक यानी, आरबीआई के हाल ही में जारी किए गए संशोधित अनुमान से भी अधिक है। आरबीआई ने पिछले महीने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के विकास का अनुमान साढ़े छह फीसदी से बढ़ा कर सात फीसदी कर दिया था। एनएसओ के एडवांस एस्टीमेट के आंकड़ों का इस्तेमाल केंद्र सरकार अगले वित्त वर्ष के लिए बजट तैयार करने में करती है।
गौरतलब है कि 29 दिसंबर को जारी की गई सालाना आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय ने उम्मीद जताई थी कि जुलाई-सितंबर के साढ़े सात फीसदी से ऊपर के आंकड़ों के बाद वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी विकास दर उसके साढ़े छह फीसदी के पूर्वानुमान को आराम से पार कर जाएगी। उस समय मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के अधिकारियों ने कहा था- विकास और स्थिरता के दृष्टिकोण के लिए जोखिम मुख्य रूप से देश के बाहर से उत्पन्न होते हैं। फिर भी भारतीय अर्थव्यवस्था को 2023-24 में सढ़े छह फीसदी से ऊपर की विकास दर आराम से हासिल करने की उम्मीद है।