नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरकार चीन के खिलाफ भी टैरिफ वॉर शुरू कर दिया। उन्होंने चीन के ऊपर एक सौ सौ फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। बढ़ाया हुआ टैरिफ एक नवंबर से लागू हो जाएगा। ट्रंप ने यह फैसला चीन की ओर से रेयर अर्थ मैटेरियल्स यानी दुर्लभ खनिज के निर्यात की नीति को सख्त बनाने के फैसले के जवाब में किया। ट्रंप ने चीन पर टैरिफ बढ़ाने के साथ साथ की अहम सॉफ्टवेयर को निर्यात को भी नियंत्रित करने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि अमेरिका ने पहले से चीन पर 30 फीसदी टैरिफ लगा रखा है। एक नवंबर से सौ फीसदी टैरिफ लगाने से कुल टैरिफ बढ़ कर 130 फीसदी हो जाएगा। अगर राष्ट्रपति ट्रंप क नवंबर से इसे लागू करने की अवधि नहीं बढ़ाते हैं या कोई समझौता नहीं होता है तो चीन पर 130 फीसदी टैरिफ लगाने का सीधा लाभ भारत को मिल सकता है। भारत पर टैरिफ बढ़ाने और अतिरिक्त टैरिफ लगाने के बावजूद कुल शुल्क 50 फीसदी है। तभी भारतीय उत्पाद किसी भी स्थिति में चीन से सस्ते होंगे। तभी भारत के निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का मौका मिल सकता है।
बहरहाल, राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि नया टैरिफ यानी सौ फीसदी टैरिफ एक नवंबर से लागू होगा। ट्रंप ने इसके अलावा एक नवंबर से सभी अहम सॉफ्टवेयर के निर्यात पर भी नियंत्रित करने की बात कही है। इससे पहले चीन ने नौ अक्टूबर को रेयर अर्थ मैटेरियल्स यानी दुर्लभ खनिज पर निर्यात को और सख्त करने का फैसला किया। इससे नाराज होकर ट्रंप ने नए टैरिफ लगाने की बात कही है।
माना जा रहा है कि ट्रंप के इस फैसले के बाद चीन और अमेरिका में छिड़ने वाले ट्रेड वॉर का असर दुनिया भर के देशों पर होगा लेकिन भारत इसका लाभ उठा सकता है। ट्रंप के लगाए भारी भरकम टैरिफ की वजह से चीनी उत्पाद अमेरिकी बाजार में महंगे होंगे, जबकि भारत पर लग रहा टैरिफ उसके मुकाबले बहुत कम है। तभी भारतीय उत्पाद की कीमत कम होगी। गौरतलब है कि अमेरिका को भारत का निर्यात करीब साढ़े सात लाख करोड़ रुपए का है, जबकि आयात ढाई लाख करोड़ के करीब का है। टैरिफ बढ़ाने से भारत के निर्यात में कमी आ रही थी परंतु चीन पर टैरिफ बढ़ाने से भारत के लिए अवसर बन सकता है। माना जा रहा है कि कपड़े, खिलौने, इलेक्ट्रोनिक्स आइटम आदि के निर्यात में बढ़ोतरी हो सकती है।