बुलडोजर कानून पर नाराजगी जताने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से एक अन्य मामले में नाराजगी जताई है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने सोमवार, सात अप्रैल को उत्तर प्रदेश में सिविल मुकदमों को आपराधिक मामलों में बदले जाने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में आए दिन मामले आपराधिक मुकदमों में बदले जा रहे हैं।
उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस को फटकार लगाई और चेतावनी दी है कि अगर आगे ऐसा फिर हुआ तो जुर्माना लगाया जाएगा।
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सुप्रीम कोर्ट सख्त: सिविल केस को क्रिमिनल बनाने पर यूपी पुलिस को फटकार
चीफ जस्टिस ने यह भी कहा दिया कि जांच अधिकारी यानी आईओ को कटघरे में खड़ा करो और क्रिमिनल केस बनाओ. अधिकारी को भी तो सबक मिलना चाहिए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट एक मामले की सुनवाई कर रहा था, जिसमें सिविल केस को आपराधिक मामले में बदल दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि सिर्फ पैसे न देने को अपराध नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि ये बहुत ही बेतुकी बात है। चीफ जस्टिस ने कहा कि वे राज्य के पुलिस प्रमुख से भी कहेंगे कि यूपी में ये जो हो रहा है, वह उसमें कुछ करें।
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने यह भी कहा कि अगर अब फिर से इस तरह का कोई मामला आया तो पुलिस पर जुर्माना लगाएंगे। उन्होंने डीजीपी और आईओ से कहा कि फैसले में कोर्ट ने जो निर्देश दिए हैं, उसको लेकर हलफनामा जमा करें और आईओ को अदालत में पेश होकर अपना बयान दर्ज करना होगा।
हलफनामा दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया गया है और मामले को पांच मई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही पर तब तक रोक रहेगी।