नई दिल्ली। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने गुरुवार को लगातार दूसरे दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पाकिस्तान के एक एक झूठ की पोल खोली। उन्होंने तस्वीरें दिखाईं और पूछा कि आतंकवादियों के शव पाकिस्तान के राष्ट्रीय झंडे में क्यों लपेटे गए और आतंकवादियों के जनाजे में पाकिस्तानी फौज के अधिकारी क्या कर रहे थे? भारत का लड़ाकू विमान राफेल मार गिराने के पाकिस्तान के बयान पर विदेश सचिव ने कहा कि समय आने पर इसका भी जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद में अपनी भूमिका से पल्ला नहीं झाड़ सकता है।
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान 22 अप्रैल के आतंकी हमले में किसी भी तरह के शामिल होने से पल्ला झाड़ना चाह रहा है। पाकिस्तान के मंत्री कह रहे हैं कि उनके देश में कोई आतंकी नहीं है। आज पूरी दुनिया में पाकिस्तान को ग्लोबल टेररिज्म का एपिसेंटर माना जाता है। दुनिया भर की एजेंसियों और सरकारों के पास इस बात के सबूत हैं। दुनिया भर के आतंकी हमलों में कई पाकिस्तानी आतंकवादियों का हाथ है। वह भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए जिम्मेदार है’।
विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान के बारे में कुछ भी बताने की जरुरत नहीं है। उन्होंने तंज करने के अंदाज में कहा कि ओसामा बिन लादेन भी पाकिस्तान में ही मिला था। मिस्री ने कहा, ‘आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को उनके यहां शहीद कहा गया। साजिद मीर के मारने की खबर थी, बाद में उसे जिंदा बता दिया गया ताकि उन पर कोई बात न आए। पिछले दिनों पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और पूर्व विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों से संबंध की बात मानी है’।
पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र बना
विदेश सचिव ने कहा, ‘दूसरा विषय है कि पाकिस्तान दावा करता है कि निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय कमेटी पहलगाम हमले की जांच करे। आप पाकिस्तान का इतिहास और ट्रैक रिकॉर्ड जानते हैं। मुंबई हमला हो, पठानकोट हमला हो, ऐसे कई उदाहरण हैं। मुंबई हमले में भारत और पाकिस्तान की जॉइंट टीम बनाई गई थी। इंडिया ने कहा था कि हम सहयोग करेंगे, हमने पाकिस्तान को फॉरेंसिक रिपोर्ट दी थी और कहा था कि पाकिस्तान साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में खड़ा करे। भी सबूत भी दिया था, पाकिस्तान में केस रजिस्टर हुए, लेकिन इन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया गया’।
मिस्री ने कहा, ‘पठानकोट में ज्वॉइंट इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई गई थी। पाकिस्तानी टीम को हमने हमले वाली जगह जाने की इजाजत दी थी। उनसे डीएनए और दूसरी रिपोर्ट शेयर की थी। आतंकवादियों के पते भी बताए थे, जैश के लीडर्स के बारे में जानकारी दी थी, लेकिन जांच में कुछ नहीं हुआ। ऐसे जॉइंट इन्वेस्टिगेशन में हमें अब भरोसा नहीं है। पाकिस्तान ने उन सबूतों का इस्तेमाल आतंकवादियों को बचाने और घटना को छिपाने में ही किया है’।
विदेश सचिव ने फिर स्पष्ट किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में केवल आतंकी इमारतें ही टारगेट थी। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान दावा कर रहा है कि भारत के ऑपरेशन में सिर्फ सिविलियन मारे गए। वहां आतंकवादियों के अंतिम संस्कार की तस्वीरें देखिए। अगर सिविलयन मारा गया है तो अफसरों फौज की हाफिज अब्दुल रउफ के साथ क्यों आई? आतंकवादियों के शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया था। उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार पूरी सच्चाई बयां करता है। पाकिस्तान का दावा पूरी तरह से झूठा है’।
Also Read: थरूर ने फिर की मोदी सरकार की तारीफ
Pic Credit: ANI