भारत के सर्वकालिक महान बल्लेबाज विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। इंगलैंड दौरे से ठीक पहले उन्होंने संन्यास की घोषणा की। विराट ने दो दिन पहले संन्यास का इरादा जाहिर किया था, जिसके बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने उनको फैसले पर विचार करने को कहा था। दो दिन के विचार के बाद कोहली ने सोमवार को फैसले का ऐलान किया। उनसे ठीक पहले भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी।
कोहली ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट लिख कर संन्यास का ऐलान किया। उन्होंने लिखा, ‘टेस्ट क्रिकेट ने मेरी परीक्षा ली, मुझे आकार दिया, वो पाठ सिखाए जो जिंदगी भर मुझे याद रहेंगे’। गौरतलब है कि इससे पहले जनवरी में ऑस्ट्रेलिया में हुई बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में विराट का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। उन्होंने उसमें महज 23.75 की औसत से नौ पारियों में सिर्फ 190 रन बनाए थे। वे सात बार ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद पर आउट हुए थे। बहरहाल, विराट कोहली ने 123 टेस्ट मैच खेले हैं। उन्होंने 30 शतक और 31 अर्धशतक बनाए। विराट ने सात दोहरे शतक लगाए। 2017 और 2018 में वे टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर चुने गए।
विराट कोहली का टेस्ट संन्यास
विराट ने संन्यास की घोषणा करते हुए लिखा, ‘टेस्ट क्रिकेट में पहली बार मैंने बैगी ब्लू जर्सी 14 साल पहले पहनी थी। ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह फॉरमेट मुझे इस तरह के सफर पर ले जाएगा। इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे पहचान दी और मुझे ऐसे सबक सिखाए, जिन्हें मैं जीवन भर साथ रखूंगा’। उन्होंने आगे लिखा, ‘सफेद जर्सी में खेलना मेरे लिए बहुत ही खास और निजी अनुभव है। परिश्रम, लंबे दिन, छोटे छोटे पल जिन्हें कोई नहीं देखता, लेकिन यह हमेशा आपके साथ रहते हैं। जब मैं इस फॉरमेट से दूर जा रहा हूं, तो यह आसान नहीं है, लेकिन यह फिलहाल सही लगता है’।
गौरतलब है कि विराट कोहली के संन्यास का संकेत देने के बाद बीसीसीआई के एक अधिकारी ने उनसे बात भी थी और समझाने का प्रयास किया था। लेकिन विराट नहीं माने और उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया। उनके संन्यास पर बीसीसीआई ने उनको थैंक यू कहा। बोर्ड ने लिखा, ‘टेस्ट क्रिकेट में एक युग समाप्त हो गया है, लेकिन विरासत जारी रहेगी। उन्होंने टीम इंडिया के लिए जो योगदान किया, उसे हमेशा याद किया जाएगा’।
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