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ट्यूलिप सिद्दीक की गैरमौजूदगी में चला मुकदमा सियासत और कुछ नहीं: शेख हसीना

Sheikh Hasina

शेख हसीना का मानना है कि यूके सांसद और उनकी बहन की बेटी ट्यूलिप सिद्दीक के खिलाफ चला ट्रायल सियासत के अलावा और कुछ नहीं है। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री के मुताबिक ये न्यायपालिका की निष्पक्षता को कठघरे में खड़ा करता है। 

हसीना ने आरोप लगाया कि फैसला बांग्लादेश पर राज कर रही अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और उनके “चरमपंथी और मौकापरस्तों के गठबंधन” के राजनीतिक एजेंडे को पूरा करता है। 

विशेष बातचीत में हसीना ने कहा, किसी भी 

आरोपी की गैरमौजूदगी में चला मुकदमा और एक ब्रिटिश सांसद को दोषी ठहराना सही प्रक्रिया और निष्पक्षता को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। मेरे परिवार के सदस्यों ने हमेशा गलत काम करने से इनकार किया है। मेरा मानना ​​है कि न्याय किसी भी बंधन से मुक्त, पारदर्शी और अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से होना चाहिए। यूनुस इन केसों का इस्तेमाल अपनी सरकार की कमियों से ध्यान भटकाने और एक ऐसे राजनीतिक दल को दबाने के लिए कर रहे हैं जिसे आजादी के बाद नौ बार चुनावों में जीत हासिल हुई।

उन्होंने आगे कहा, “यह फैसला सिर्फ यूनुस और उनके कट्टरपंथियों और मौकापरस्तों के गठबंधन के राजनीतिक फायदों को पूरा करता है। यह निश्चित रूप से बांग्लादेश के पक्ष में तो नहीं है, खासकर इसलिए क्योंकि इससे यूके के साथ हमारे कूटनीतिक रिश्तों पर असर पड़ेगा, जो हमारा एक जरूरी ट्रेडिंग और डेवलपमेंट पार्टनर है।

हसीना ने आगे कहा कि इस कार्रवाई से निश्चित तौर पर बांग्लादेश में भरोसा दरका है और तय है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता जताई जा रही है।

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9 दिसंबर (मंगलवार) को ही हसीना और कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों के खिलाफ बांग्लादेश की आईसीटी (इंटरनेश्नल क्राइम्स ट्रिब्यूनल) में सुनवाई होनी है। इसी कोर्ट ने मानवता का दुश्मन मानते हुए हसीना को सजा-ए-मौत सुना दी है।

वहीं, 1 दिसंबर को, ढाका की एक कोर्ट ने हसीना को पूर्बांचल न्यू टाउन प्रोजेक्ट के तहत प्लॉट के बंटवारे में गड़बड़ियों के लिए पांच साल जेल की सजा सुनाई थी।

इसके अलावा, हसीना की बहन, शेख रेहाना को सात साल जबकि रेहाना की बेटी ट्यूलिप सिद्दीक को दो साल की सजा सुनाई गई।

इस दौरान ये तीनों कोर्टरूम में मौजूद नहीं थीं।

ढाका कोर्ट के फैसले के बाद, ट्यूलिप ने यूनुस की आलोचना की और उन पर “घोर अन्याय” का आरोप लगाया।

ब्रिटिश सांसद ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट में एक साक्षात्कार की वीडियो क्लिप साझा कर अपना पक्ष रखा था। इसमें वह कहती दिखीं, “डेढ़ साल से मेरे खिलाफ गलत इल्जाम लगाने के बावजूद, बांग्लादेशी अधिकारियों ने मुझसे अभी तक कोई संपर्क नहीं साधा। मैंने जिम्मेदार बनने की कोशिश की और यूके के वकीलों से भी बात की, जिन्होंने बांग्लादेशी अधिकारियों को बार-बार लिखा लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। फिर मैंने बांग्लादेश में ही एक वकील से बात की; उन्होंने (सत्ता पक्ष) उसे डराया-धमकाया, और वह पीछे हट गया।

उन्होंने कहा कि यूनुस को “खुद पर शर्म आनी चाहिए” क्योंकि वह “अन्याय के साथ खड़े हैं, उसका नेतृत्व कर रहे हैं।

Pic Credit : ANI

By Naya India

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