Wednesday

30-04-2025 Vol 19

मतगणना के लिए मशक्कत

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भोपाल। 17 नवंबर को प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो चुका है और 3 दिसंबर को मतगणना के लिए राजनैतिक दल और प्रत्याशी अभी से भारी मशक्कत कर रहे हैं जिससे कि अंतिम प्रयासों में कोई कमी न रह जाए किसी प्रकार की गड़बड़ी ना हो। दरअसल, पूरी चुनावी प्रक्रिया का अंतिम चरण मतगणना होती है जिसमें जो भी निर्णय मतदाता ने दिया है। इसका खुलासा होता है प्रदेश में विभिन्न चुनाव के दौरान कुछ ऐसी भी अवसर आए जब मतगणना पर सवाल उठाए गए।

पुनः मतगणना कराई गई लेकिन लेकिन इसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है और जरूरी नहीं कि पुनः मतगणना का आदेश हो ही जाए। इस कारण मतगणना के लिए किसी भी प्रकार की रिस्क ना तो राजनीतिक दल लेना चाहते हैं और ना ही उम्मीदवार। 18 नवंबर से ही सभी मतगणना की तैयारी में जुट गए हैं। इसके लिए माहौल बनाने के लिए अपने तर्क दिए जा रहे हैं। प्रत्याशी की जीत के साथ-साथ सरकार बनाने के लिए भी दोनों ही प्रमुख दलों के बढ़ चढ़कर दावे हैं। यही नहीं विभिन्न प्रकार के एग्जिट पोल भी इंटेलिजेंस की रिपोर्ट का हवाला देकर अपनी – अपनी जीत के दावे बताते हुए आंकड़े प्रस्तुत किए जा रहे हैं। जिससे अब आम नागरिक भी भ्रमित हो गया है और वह है 3 दिसंबर का इंतजार कर रहा है।

बहरहाल, भाजपा प्रदेश कार्यालय में भाजपा के प्रमुख नेताओं की बैठक हो चुकी है जिसमंे मतगणना की तैयारियों की समीक्षा की गई और यह भी तय किया गया कि जिला इस्तर पर काउंटिंग एजेंट को ट्रेनिंग दी जाएगी। जिसमें उन्हें सिखाया जाएगा कि मतदान के समय पूरी तरह मुस्तैद रहे। कहीं भी किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की आशंका हो तो तुरंत आपत्ति लें और अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत करायें। यदि अधिकारी ध्यान ना दें तो पार्टी नेताओं को सूचित करें। मतगणना स्थल पर किसी भी प्रकार के दबाव में नहीं आना है। वही दूसरी ओर प्रमुख पक्षी दल कांग्रेस में भी मतगणना की तैयारी करने के लिए 26 नवंबर को भोपाल में सभी उम्मीदवारों और इलेक्शन एजेंट की बैठक बुलाई है। जिसमें 3 दिसंबर को होने वाली मतगणना के संबंध में विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया जाएगा एवं से जुड़ी किसी भी गड़बड़ी को किस तरह रोका जाए।

उन्हें बताया जाएगा और किस तरह काउंटिंग पर नजर के साथ मतगणना केंद्रो पर क्या सावधानी रखी जाए, इसको भी समझाया जाएगा। पार्टी ने सतर्कता बरतें हुए प्रत्याशियों से वोटिंग के दौरान पीठासीन अधिकारी से मिली फोटो की जानकारी एकत्रित कर ली है। साथ ही काउंटिंग के दौरान मिलान किया जा सक।े पार्टी एक तरफ जहां ईवीएम की सुरक्षा को लेकर लगातार चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग कर रही है। वहीं जिलों में प्रत्याशी स्ट्रांग रूम की सुरक्षा पर नजर बनाए हुए हैं। बारी-बारी से पहरा दे रहे हैं। रात्रि जागरण भी कर रहे हैं।

कुल मिलाकर पूरी चुनावी प्रक्रिया में जितनी सावधानी नहीं बरती, उससे कहीं ज्यादा सतर्कता मतगणना को लेकर दोनों ही प्रमुख दल दिख रहे हैं। एक तरफ जहां जीत का माहौल सत्ता में आने का विश्वास पैदा किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर मतगणना पर पूरा फोकस करते हुए मस्कत कर रहे हैं।

अजीत दुबे

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