Thursday

31-07-2025 Vol 19

भाजपा को आंध्र का फैसला करना होगा

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भारतीय जनता पार्टी आंध्र प्रदेश का मामला अनंतकाल तक लटका कर नहीं रख सकती है। उसे फैसला करना होगा क्योंकि उसकी पुरानी सहयोगी पवन कल्याण की जन सेना पार्टी बेचैन हो रही है। पार्टी ने तो तीन दिन पहले भाजपा से संबंध तोड़ने का ऐलान भी कर दिया था। हालांकि बैक चैनल की बातचीत के बाद जन सेना पार्टी की ओर से कहा गया कि वह एनडीए से बाहर नहीं हो रही है। हकीकत यह है कि आंध्र प्रदेश में भाजपा की सहयोगी जन सेना और संभावित सहयोगी टीडीपी दोनों बेचैन हो रहे हैं तो दूसरी ओर भाजपा इस दुविधा में है कि वह खुल कर इन दोनों पार्टियों से तालमेल करे और साथ लड़े या अकेले लड़े ताकि जगन मोहन की पार्टी से भी चुनाव बाद के तालमेल का रास्ता खुला रहे?

असल में हाल में हुए तमाम सर्वेक्षणों में बताया जा रहा है कि अगले चुनाव में भी जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी क्लीन स्वीप करने जा रही है। लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनावों में उसे बड़ी जीत मिलेगी। तभी भाजपा की दुविधा बढ़ी है। ध्यान रहे जगन मोहन ने पिछले पांच साल तक हर मौके पर भाजपा का साथ दिया। संसद में मुद्दा आधारित समर्थन दिया है तो किसी मसले पर टकराव नहीं शुरू किया है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का भी उनके प्रति सद्भाव बना रहा है। भाजपा इस समीकरण को बिगाड़ना नहीं चाहती है। दूसरी ओर टीडीपी और जन सेना के नेता राज्य की दो मजबूत जातीय समूहों कापू और कम्मा का समीकरण बनाना चाह रहे हैं और उसमें भाजपा को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा अगर जल्दी फैसला नहीं करती है तो वह एक सहयोगी गंवाएगी।

NI Political Desk

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