दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने को कट्टर ईमानदार और कट्टर देशभक्त के साथ साथ कट्टर हिंदू साबित करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते हैं। तिरंगा लहराने, भारत माता की जय बोलने, दिल्ली के नागरिकों को तीर्थाटन कराने, हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद अब उन्होंने दिल्ली में राम राज लाने का ऐलान किया है। अभी तक भारतीय जनता पार्टी के नेता राम राज लाने की बात नहीं कर रहे हैं लेकिन केजरीवाल उनसे एक कदम आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने दिल्ली में कामकाज के अपने मॉडल की तारीफ करते हुए कहा है कि राम राज ऐसा ही रहा होगा, जैसा दिल्ली में है।
केजरीवाल अपने शासन के दो मॉडल को सबसे ज्यादा प्रचारित करते हैं। पहला स्कूल का और दूसरा अस्पताल का। बाकी काम उन्होंने वैसे भी छोड़ रखे हैं। उनको पता है कि मुफ्त बिजली, पानी आदि देने के बाद संरचनागत सुधार करने और रोजगार पैदा करने वाले विकास का काम करने की जरूरत नहीं है। इसलिए वे स्कूल और अस्पताल पर लगे रहते हैं। उन्होंने दावा किया है कि अगर राम राज रहा होगा तो ऐसा ही रहा होगा। केजरीवाल ने कहा है कि राम राज का मतलब है कि सबको अच्छी और मुफ्त शिक्षा मिले और सबको अच्छा व मुफ्त इलाज मिले। उन्होंने दावा कि दिल्ली सरकार अच्छी शिक्षा और अच्छा इलाज दोनों मुफ्त में उपलब्ध करा रही है।
यह अच्छी बात है कि दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ा है। बजट का बड़ा हिस्सा सरकार इन दोनों क्षेत्रों में खर्च कर रही है। लेकिन इसका प्रचार करने के लिए केजरीवाल ने जो प्रतीक चुना है वह दिलचस्प है। उन्होंने इसके लिए राम राज का प्रतीक चुना है। यह भाजपा और नरेंद्र मोदी के प्रति नरम रुख रखने वाले हिंदू मतदाताओं को ध्यान में रख कर चुना गया है। ध्यान रहे लोकसभा में भाजपा को समर्थन देने वाले कट्टर हिंदू मतदाता भी विधानसभा में केजरीवाल को वोट करते हैं। वे उसी मतदाता समूह को इस तरह से संबोधित करते हैं।
 
								 
								
								


 
												 
												 
												 
												 
												 
																	 
																	 
																	 
																	 
																	 
																	 
																	