कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे अपने बयानों से विवादों में रहते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की शाखा लगाने को लेकर शिकायत की थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई की थी। प्रियांक ने इसी तरह एक बयान असम के नौजवानों को लेकर दिया था। हालांकि उन्होंने कोई आपत्तिजनक बात नहीं कही थी लेकिन अगले साल के चुनाव से पहले बेचैन होकर मुद्दे की तलाश कर रहे असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे विवाद का मुद्दा बना दिया। प्रियांक ने कहा था कि यह अच्छी बात है कि असम के नौजवानों को कर्नाटक के आईटी हब में नौकरी और प्रशिक्षण मिल रहा है।
उन्होंने यह बात सेमीकंडक्टर प्लांट को लेकर कही थी और यह भी कहा था कि कर्नाटक के प्रोजेक्ट छीन कर गुजरात और असम ले जाए जा रहे हैं। सरमा ने इसे मुद्दा बना दिया। उन्होंने प्रियांक की बात को ट्विस्ट देते हुए कहा कि उन्होंने असम के नौजवानों की योग्यता और क्षमता पर सवाल उठाया है। अब इस पर दोनों तरफ से बयानबाजी चल रही है। गौरतलब है कि असम के मुख्यमंत्री अगले चुनाव से पहले असम की अस्मिता का मुद्दा बना रहे हैं और किसी तरह से भाजपा को लगातार तीसरी बार चुनाव जिताने के प्रयास में लगे हैं। प्रियांक खड़गे की छवि उनके पहले के बयानों से हिंदू विरोधी की बनी है तो सरमा उनको निशाना बना कर इसका भी लाभ लेना चाहते हैं।


