राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

परदे के पीछे की गतिविधियां तेज

भारतीय जनता पार्टी

पांच राज्यों के चुनाव नतीजे आने से पहले परदे के पीछे की गतिविधियां तेज हो गई हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों के नेता परदे के पीछे दो तरह के काम कर रहे हैं। पहला काम तो यह है कि जहां भी नजदीकी मुकाबले के आसार हैं वहां निर्दलीय और अन्य छोटी पार्टियों के साथ बातचीत शुरू हो गई है। यह काम दोनों पार्टियां कर रही हैं। राजस्थान में सबसे ज्यादा निर्दलीय विधायक जीतने की संभावना है। वहां दोनों पार्टियों के बागी लड़े हैं, जिनमें से कई जीत सकते हैं। सो, दोनों पार्टियों के बड़े नेता मजबूत निर्दलीय प्रत्याशियों से संपर्क कर रहे हैं और समर्थन के बदले में भी कुछ देने का वादा कर रहे हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में निर्दलियों के अलावा बहुजन समाज पार्टी, आजाद समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, समाजवादी पार्टी, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस आदि को कुछ सीटें मिल सकती हैं। इसलिए इन पार्टियों के नेताओं से भी संपर्क किया जा रहा है।

तेलंगाना निर्दलीय उम्मीदवारों के जीतने की संभावना नहीं है और अन्य में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी है, जिसके बारे में सबको पता है कि वह जरूरत पड़ने पर भारत राष्ट्र समिति का साथ देगी। इसलिए वहां किसी से संपर्क नहीं किया जा रहा है लेकिन कांग्रेस वहां दूसरा काम कर रही है। वह है विधायकों की सुरक्षा का। कांग्रेस को लग रहा है कि उसकी सरकार बनने से रोकने के लिए बीआरएस और भाजपा दोनों उसके विधायकों को तोड़ सकते हैं। इसलिए सभी विधायकों को कर्नाटक ले जाने की तैयारी है, जहां वे डीके शिवकुमार की मेजबानी में रहेंगे। हालांकि अगर कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिल जाता है तो इसकी जरूरत शायद नहीं पड़े। उधर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पहले ही सभी प्रत्याशियों को एक जगह इकट्ठा कर रही है। हालांकि वोटों की गिनती के दिन वे अपने क्षेत्र में जाएंगे लेकिन उनको कहा गया है कि सर्टिफिकेट लेते ही वे रायपुर पहुंचेंगे। विधायकों को लाने के लिए विशेष विमान का बंदोबस्त भी किया गया है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस अपने विधायकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *