बिहार में दोनों गठबंधनों में सीट बंटवारा कई कारणों से उलझा रहा। एनडीए में मामला सिर्फ सीटों का था, जबकि कांग्रेस और राजद के गठबंधन में एक बड़ा पेंच डिप्टी सीएम की घोषणा का है। अच्छी सीटें और ज्यादा सीटों के अलावा विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश सहनी चाहते हैं कि कांग्रेस और राजद दोनों उनको उप मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित करें। लेकिन यह मामला उलझ गया क्योंकि अगर आठ पार्टियों के गठबंधन में एक उप मुख्यमंत्री का दावेदार घोषित करेंगे तो विवाद बढ़ेगा। तभी तीन उप मुख्यमंत्री का फॉर्मूला आया। लेकिन एक मुख्यमंत्री के साथ तीन उप मुख्यमंत्री घोषित करने में राजद और कांग्रेस दोनों को लग रहा है कि इससे भी दूसरी जातियां नाराज हो सकती हैं और एनडीए की ओर से सत्ता के बंदरबाट का मैसेज बनवाया जा सकता है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि राजद और कांग्रेस को लग रहा है कि मुकेश सहनी भले नौ फीसदी मल्लाह की बात कर रहे हैं लेकिन असल में उनका असर दो फीसदी से ज्यादा वोट पर नहीं है। अगर उनको उप मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाया जाता है तो फिर कांग्रेस के दलित प्रदेश अध्यक्ष का नाम भी करना होगा। क्योंकि दलित आबादी 20 फीसदी के करीब है। फिर मुस्लिम समाज से भी किसी के नाम की घोषणा करनी होगी अन्यथा असदुद्दीन ओवैसी और प्रशांत किशोर मुस्लिम वोट में सेंध लगा सकते हैं। हालांकि इसमें भी यह समस्या है कि अति पिछड़ी जातियों में मल्लाह से बड़ी जातियां नाराज हो सकती हैं और अगड़ी जाति के महागठबंधन के साथ आने की संभावना पूरी तरह से खत्म हो सकती है।