बिहार में कई तरह से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि जनता दल यू और भाजपा के बीच कहीं न कहीं संपर्क बना है और अब भी बातचीत हो रही है। जब के भाजपा के विरोध में स्टैंड लेने वाले राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह अध्यक्ष पद से हटे हैं तभी से भाजपा नेताओं के सुर बदल गए हैं और जदयू के नेता भी भाजपा के प्रति सद्भाव दिखाने लगे हैं। बताया जा रहा है कि बिहार में भाजपा के नेताओं को बहुत साफ संदेश दिया गया है कि वे नीतीश के ऊपर कोई निजी हमला नहीं करेंगे। सरकार की नीतियों को निशाना बनाना है और लालू प्रसाद के परिवार पर हमला करना है। इस निर्देश के बाद ही नीतीश पर लगातार हमला करते रहने वाले प्रदेश भाजपा के नेताओं ने कई बार कहा कि नीतीश से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिहार का दौरा भी रद्द हुआ।
अब केंद्र सरकार भी बिहार के प्रति सद्भाव दिखाने लगी है। एक के बाद एक एक योजनाओं को मंजूरी दी जा रही है। दरभंगा में एम्स की परियोजना प्रदेश और केंद्र सरकार के टकराव में रूकी थी। बिहार सरकार ने जो जगह दी थी उस पर केंद्र ने आपत्ति जताई थी औऱ मंजूरी देने से मना कर दिया था। लेकिन ललन सिंह के हटने के तुरंत बाद केंद्र ने उसी जगह पर एम्स के निर्माण की मंजूरी दे दी है। यह जदयू के नेता और राज्य सरकार के मंत्री संजय झा की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि वे भाजपा के संपर्क में हैं। इसके पहले केंद्र सरकार ने गंगा पर छह लेन के पुल की मंजूरी दी। यह परियोजना तीन हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की है। अब खबर है कि बिहार को विशेष आर्थिक पैकेज देने पर विचार हो रहा है। राजद के सांसद एडी सिंह ने इसका एक प्रस्ताव संसद में रखा था। जानकार सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार इस पर विचार कर रही है। ध्यान रहे नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं। अगर विशेष आर्थिक पैकेज बिहार को मिलता है तो उनके लिए भाजपा के साथ जाना बहुत आसान हो जाएगा।