Wednesday

30-04-2025 Vol 19

गिरिराज सिंह की यात्रा का क्या मतलब

बिहार की बेगूसराय सीट से भाजपा के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह इस समय बिहार में हिंदू स्वाभिमान यात्रा कर रहे हैं। उनकी यात्रा को लेकर राज्य में विवाद हो रहा है। जनता दल यू के नेता खुल कर कुछ बोल नहीं रहे हैं लेकिन उनको अच्छा नहीं लग रहा है कि सांप्रदायिक आधार पर विभाजन कराने वाली बातें हों। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद ने  इस यात्रा के खिलाफ मोर्चा खोला है। पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने भी गिरिराज सिंह को चुनौती दी है। पप्पू यादव ने कहा है- यात्रा मेरी लाश पर से होकर गुजरेगी। सबको पता है कि सीमांचल में यात्रा का मकसद पूरे प्रदेश में सांप्रदायिक विभाजन का माहौल बनाना है क्योंकि सीमांचल में ज्यादा आबादी मुसलमानों की है।

यात्रा से पहले गिरिराज सिंह ने इस बात पर अफसोस जताया कि वे जातीय समीकरण देख कर ही चुनाव लड़े हैं, जबकि वे हिंदू होकर चुनाव लड़ना चाहते थे। उन्होंने कहा कि वे चाहते थे कि किशनगंज से चुनाव लड़ें भले हार जाएं। गौरतलब है कि किशनगंज में 80 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी है। अब सवाल है कि उनको हिंदू होकर लड़ने से किसने रोका? वे तीन बार से अपनी जाति की बहुलता वाली सीट से लड़ रहे हैं। इसके अलावा उनकी यात्रा उनके संवैधानिक पद के आचरण के अनुकूल नहीं है। वे भारत सरकार के मंत्री हैं। अगर उनको हिंदू स्वाभिमान यात्रा निकालनी है तो उनको मंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए। उनको अपनी हिंदू पहचान स्थापित करनी है तो केंद्रीय मंत्री वाली पहचान तो छोड़नी चाहिए! लेकिन सांसद और मंत्री रहते हुए एक ऐसी यात्रा कर रहे हैं, जिससे समाज में तनाव बढ़ रहा है और सांप्रदायिक विभाजन हो रहा है।

NI Political Desk

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