टाटा समूह के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने कोलकाता जाकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की है। यह कोई मामूली मुलाकात नहीं हुई है। ममता बनर्जी पिछले 14 साल से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं और इस दौरान टाटा संस के तीन चेयरमैन हुए। रतन टाटा और साइरस मिस्त्री दोनों चेयरमैन रहे और दोनों का निधन हो गया है। नटराजन चंद्रशेखरन को भी टाटा संस का चेयरमैन बने आठ साल से ज्यादा हो गए हैं। लेकिन ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री रहते पिछले 14 साल में टाटा संस का कोई चेयरमैन उनसे मिलने नहीं गया। अब जबकि ममता बनर्जी अपने चौथे कार्यकाल के लिए चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही हैं तो चंद्रशेखरन ने कोलकाता जाकर उनसे मुलाकात की।
गौरतलब है कि टाटा समूह की नैनो कार की फैक्टरी सिंगुर में लगाने के खिलाफ ममता बनर्जी ने आंदोलन किया था। उसी आंदोलन की लहर पर सवार होकर ममता बनर्जी पहली बार 2014 में बंगाल की मुख्यमंत्री बनीं। उन्होंने टाटा समूह को दी गई जमीन का अधिग्रहण रद्द कर दिया, जिसके बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने नैनो प्रोजेक्ट के लिए अपने यहां जमीन दी। हालांकि नैनो प्रोजेक्ट विफल रहा और वह फैक्टरी बंद हो गई। लेकिन तभी से ममता बनर्जी और टाटा समूह के बीच तनाव बना हुआ था। अब 14 साल के बाद टाटा संस के चेयरमैन ने ममता बनर्जी से मुलाकात की तो यह बर्फ पिघलने का संकेत है लेकिन उससे बड़ा संकेत इस बात का है कि ममता अभी बंगाल में रहने वाली हैं। अगर अगले चुनाव में उनकी विदाई के संकेत मिल रहे होते तो टाटा संस का चेयरमैन 14 साल का झगड़ा भुला कर उनसे मिलने नहीं जाता।


