दिल्ली में इस बात की बड़ी चर्चा रही कि कांस्टीट्यूशन क्लब का चुनाव नई और पुरानी भाजपा के बीच लड़ा जा रहा है लेकिन साथ ही इस बात की भी चर्चा रही कि यह चुनाव ठाकुर बनाम जाट का भी है। यह भी कहा गया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का ठाकुर बनाम जाट का झगडा दिल्ली पहुंच गया है। गौरतलब है कि संजीव बालियान और संगीत सोम में पुराना झगड़ा है। सोम का आरोप था कि बालियान ने जाट वोट नहीं दिलवाए, जिसकी वजह से वे 2022 का विधानसभा चुनाव हारे। इसके बाद जब बालियान पिछले साल लोकसभा का चुनाव हारे तो उन्होंने कहा कि सोम ने ठाकुर वोट डिस्टर्ब किया, जिससे वे हारे। तो बालियान से ठाकुरों का झगड़ा पहले से चल रहा था।
इसके अलावा दिल्ली में हरियाणा के जाट बनाम उत्तर प्रदेश के ब्रजेभूषण शरण सिंह का विवाद सबने देखा था। हालांकि वह मामला महिला पहलवानों के यौन शोषण का था लेकिन उसे जातीय रंग दे दिया गया। ऐसा कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा की वजह से भी हुआ। वह मामला कुश्ती संघ पर कब्जे के लिए हरियाणा की कोशिश के तौर पर भी देखा गया। उस मामले में अभी तक ब्रजभूषण शरण सिंह को कोई नुकसान नहीं हुआ है। उन्होंने अपने बेटे को पिछली बार लोकसभा का चुनाव भी जिताया और कुश्ती महासंघ पर भी कब्जा बरकरार रखा है। अब रूड़ी ने बालियान को हरा कर जाट बनाम ठाकुर के मुकाबले का यह दौर भी ठाकुरों के नाम कर दिया है। हालांकि ब्रजभूषण शरण सिंह वोट डालने नहीं गए थे और बालियान समर्थक जीत के लिए इतने आशान्वित थे कि सैकड़ों की संख्या में लोग माला लेकर दिन में ही पहुंच गए थे, जबकि नतीजे रात 11 बजे के बाद आए।