कांग्रेस और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का विवाद सिर्फ पश्चिम बंगाल का नहीं है, बल्कि पूर्वोत्तर के और भी राज्यों का है। खास कर असम का। पिछले दिनों असम में काचर हिल्स कौंसिल का चुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस बुरी तरह से हारी। इस स्वायत्त परिषद की 28 में से 26 सीटें भाजपा ने जीत ली, जिसमें से छह सदस्य तो निर्विरोध जीते। इससे पहले बोडोलैंड कौंसिल में भी कांग्रेस बुरी तरह से हारी थी। बहरहाल, काचर हिल्स कौंसिल में कांग्रेस की हार के बाद तृणमूल ने उस पर निशाना साधा। तृणमूल के नेता अभिषेक बनर्जी ने भाजपा से लड़ने में कांग्रेस को कमजोर बता कर हमला किया।
बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी की पार्टी चाहती है कि कांग्रेस उसे असम में कम से कम तीन लोकसभा सीट दे और मेघालय में भी एक सीट दे। ध्यान रहे महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं सुष्मिता देब असम की नेता हैं और अभी तृणमूल कांग्रेस में हैं। वे अपने पिता स्वर्गीय संतोष मोहन देब की पारंपरिक सिलचर सीट से सांसद रही हैं। अभी असम में ममता की पार्टी वे संभाल रही हैं। उधर मेघालय में कांग्रेस के मुख्यमंत्री रहे मुकुल संगमा पूरी पार्टी लेकर तृणमूल में चले गए थे लेकिन पिछले चुनाव में वे भी कोई कमाल नहीं कर पाए। फिर भी ममता बनर्जी उनकी वजह से राज्य में एक सीट की मांग कर रही हैं। एक तरफ वे पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को दो या तीन सीटें देना चाहती हैं और दूसरी ओर असम व मेघालय में चार सीट की मांग कर रही हैं। इसके लिए कांग्रेस कैसे तैयार होगी।