दिल्ली की नई शराब नीति में हुए कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करके, जब पीएमएलए की विशेष अदालत में पेश किया तो कहा कि वे शराब नीति घोटाले के ‘किंगपिन’ यानी मुख्य साजिशकर्ता हैं। सवाल है कि शराब नीति मामले में हुए कथित घोटाले में कितने ‘किंगपिन’ हैं?
केजरीवाल को गिरफ्तार करने से कुछ दिन पहले ही ईडी ने तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को गिरफ्तार किया था। उनको भी दिल्ली लाया गया और जब रिमांड के लिए अदालत में पेश किया गया तो उनके लिए भी कहा गया कि वे शराब नीति घोटाले की मुख्य साजिशकर्ता हैं।
कविता के बारे में बताया गया कि वे साउथ लॉबी की नेता हैं, जिन्होंने दिल्ली में मनमाफिक शराब नीति बनाने के लिए सौ करोड़ रुपए दिए थे। इससे बहुत पहले पिछले साल फरवरी में दिल्ली के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था तो उनको भी मुख्य साजिशकर्ता बताया गया था क्योंकि शराब नीति बनाए जाते समय वे उस विभाग के मंत्री थे।
कुछ कारोबारियों और अधिकारियों के लिए भी कहा गया है कि वे इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं। तभी एजेंसी की जांच को लेकर यह सवाल उठ रहा है कि जब इतने सारे मुख्य साजिशकर्ता हैं तो एक की गिरफ्तारी के बाद बाकियों को गिरफ्तार करने में एक साल से ज्यादा समय कैसे लग गया?