हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ईडी ने 29 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया था। इससे पहले 17 जनवरी को भी उनसे पूछताछ हुई थी। गुड़गांव से सटे मानेसर में कथित जमीन घोटाले में उनसे पूछताछ हो रही है। कहा जा रहा है कि इस मामले में डेढ़ हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। बताया जा रहा है कि चार सौ एकड़ जमीन के अधिग्रहण का भय दिखा कर किसानों से औने पौने दाम पर जमीन खरीदी गई थी। इसके अलावा एसोसिएटेड जर्नल्स को जमीन देने का मामला अलग है। सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी की जमीन खरीद का विवाद भी है। हालांकि अभी तक जमीन से जुड़े इतने विवादों के बावजूद हुड्डा आजाद हैं। कांग्रेस और हुड्डा का कहना है कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं इसलिए एजेंसी कुछ नहीं कर पा रही है तो दूसरी ओर जानकारों का यह भी कहना है कि भाजपा को उनसे ज्यादा खतरा नहीं दिख रहा है या भविष्य मे उनके इस्तेमाल की उम्मीद है इसलिए उन पर कार्रवाई नहीं हो रही है। जो हो लोकसभा चुनाव और उसके बाद होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव तक उनकी गर्दन पर तलवार लटकी रहेगी।
कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की चिंता भी बढ़ी है क्योंकि सत्ता से हटते ही महादेव ऐप घोटाले में ईडी ने उनका नाम शामिल कर दिया है। इस मामले में उनके ऊपर 508 करोड़ रुपए लेने का आरोप लगा था। हालांकि आरोप लगाने वाला अपनी बात से मुकर गया था लेकिन जब बघेल की सरकार हट गई तो इस मामले में गिरफ्तार आरोपी फिर पलट गया। सो, उनकी मुश्किल भी बढ़ सकती है। राजस्थान में मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत के परिवार के सदस्यों से लेकर प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के खिलाफ ईडी का मामला चल रहा है। कर्नाटक में उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के मामलों में अदालत का फैसला भी आना है और एजेंसी की कार्रवाई भी संभावित है। वैसे ईडी का केस तो तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ भी है लेकिन अभी तुरंत कार्रवाई की संभावना नहीं दिख रही है।