बिहार में 12 फरवरी को विधानसभा में बहुमत परीक्षण में चाहे जो हो लेकिन उससे पहले लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव ने भाजपा की भी नींद उड़ा रखी है। अब तक पूरे देश में विपक्षी पार्टियों के नेता अपने विधायक छिपाते थे और आरोप लगाते थे कि भाजपा की ओर से उनके विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है, उन्हें केंद्रीय एजेंसियों से डराया जा रहा है और तोड़ने की कोशिश हो रही है। यह संभवतः पहली बार है, जब भाजपा को अपने विधायक छिपाने पड़ रहे हैं और भाजपा के नेता कह रहे हैं कि उनके विधायकों को लालच दिया जा रहा है और उनको तोड़ने की कोशिश हो रही है। गौरतलब है कि बिहार में भाजपा के 78 विधायक हैं और पार्टी ने सभी विधायकों को प्रशिक्षण के नाम पर बोधगया के एक रिसॉर्ट में ले जाकर रखा है।
इससे पहले खबर आई थी कि बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद भाजपा और जदयू के विधायकों को फोन कर रहे थे और जाति के लाइन पर तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। बताया जा रहा था कि भाजपा के तीन यादव विधायकों ने लालू प्रसाद के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की थी। उसके बाद ही भाजपा सावधान हो गई और विधायकों को एक जगह बोधगया में इकट्ठा किया गया। भाजपा की सहयोगी जनता दल यू की ओर से भी कहा जा रहा है कि राजद की ओर से उसके विधायकों को 10-10 करोड़ रुपए के ऑफर दिए जा रहे हैं। हालांकि दूसरी ओर राजद के अपने कुछ विधायकों के भी पाला बदलने की चर्चा है लेकिन यह जरूर है कि केंद्रीय एजेंसियों के राडार पर होने के बावजूद लालू प्रसाद ने केंद्र और राज्य दोनों जगह शासन कर रही पार्टियों की नींद उड़ाई है।