nayaindia Himanta biswa sarma परदे के पीछे के खेल में भी उपयोगी

परदे के पीछे के खेल में भी उपयोगी

ऐसा नहीं है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सिर्फ भड़काऊ भाषण देने या राजनीति को हिंदू-मुस्लिम के विमर्श में बदल देने के लिए उपयोगी हैं। वे परदे के पीछे के खेल में भी भाजपा के लिए बहुत उपयोगी हैं। इस वजह से भी भाजपा के शीर्ष नेताओं में उनकी पूछ बढ़ी है। पिछले साल महाराष्ट्र में कांग्रेस, शिव सेना और एनसीपी की सरकार को गिराने के खेल में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी। शिव सेना के विधायक टूटे तो उन्हें गुवाहाटी ले जाकर ही रखा गया था। एकनाथ शिंदे गुट के विधायक मुंबई से सूरत और वहां से गुवाहाटी ले जाए गए थे, जहां वे हिमंता बिस्वा सरमा की मेजबानी में थे। मुंबई में जब सरकार बनने की स्थिति स्पष्ट हो गई उसके बाद ही विधायक वहां से लौटे।

इसी तरह झारखंड में कांग्रेस के विधायकों के टूटने की खबर आई तो उसमें भी हिमंता बिस्वा  सरमा का नाम आया। यहां तक कि रांची में कांग्रेस के एक विधायक ने खरीद-फरोख्त का मुकदमा दर्ज कराया तो उसमें भी उनका नाम शामिल किया गया। उससे पहले राज्य में कांग्रेस के विधायकों में सेंध लगा कर राज्यसभा की एक अतिरिक्त सीट हासिल करने का काम भी उन्होंने किया था। सो, सरकार गिराने या राज्यसभा के चुनाव में विपक्ष को कमजोर करने के लिए विधायक तोड़ने के काम में भी वे बहुत उपयोगी साबित हो रहे हैं। तभी उनके लिए कहा जा रहा है कि भाजपा के आला नेताओं खास कर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का उनके ऊपर बड़ा भरोसा है।

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