Thursday

31-07-2025 Vol 19

‘इंडिया’ को बिगाड़ने का नीतिश का खेला!

465 Views

विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ की वर्चुअल बैठक शुक्रवार को तय हुई। शनिवार को बैठक रखी गई थी और शुक्रवार शाम तक सभी विपक्षी पार्टियों को इसकी सूचना दी गई। साथ ही एजेंडा भी बता दिया गया। तय एजेंडे के मुताबिक बैठक में गठबंधन के संयोजक और अध्यक्ष पद पर चर्चा होनी थी। यह संकेत भी दे दिया गया कि नीतीश कुमार को संयोजक और मल्लिकार्जुन खड़गे को अध्यक्ष बनाया जाएगा। इसके बाद सब कुछ तय दिख रहा था। तभी शनिवार की सुबह नीतीश कुमार की पार्टी के बड़े नेताओं ने मीडिया के चुनिंदा लोगों को खबर दी कि नीतीश कुमार संयोजक बनने जा रहे हैं। सवाल है कि सुबह आठ बजे से 12 बजे के बीच ऐसा क्या हुआ कि नीतीश कुमार ने संयोजक बनने से मना कर दिया?

बड़ा सवाल यह भी है कि ‘इंडिया’ के अंदर जो एक दबाव समूह है उसने कोई खेल किया या नीतीश की पार्टी कोई खेल कर रही है? ध्यान रहे नीतीश की पार्टी की ओर से मीडिया में खबर दी गई थी कि नीतीश संयोजक बन रहे हैं और जब मीडिया में खबर खूब चल गई तो नीतीश कुमार ने प्रस्ताव ठुकरा दिया। इससे ऐसा लग रहा है कि नीतीश की पार्टी ने सोच समझ कर यह दांव चला है। पहले मीडिया में खबर चलवाई गई कि आखिरकार ‘इंडिया’ ब्लॉक ने नीतीश का महत्व समझा और उनको संयोजक बनाया जा रहा है। इससे नीतीश का महत्व बढ़ा। भाजपा को जवाब मिला, जिसके नेता कह रहे थे कि विपक्षी गठबंधन में नीतीश को कोई पूछ नहीं रहा है। फिर नीतीश ने प्रस्ताव ठुकराया ताकि यह मैसेज जाए कि वे विपक्षी गठबंधन के नेताओं से नाराज हैं।

नाराजगी का कारण यह बताया जा रहा है कि कोई सात महीने पहले नीतीश कुमार ने पहल करके सभी पार्टियों को एकजुट किया था तभी उनको संयोजक क्यों नहीं बना दिया गया? गौरतलब है कि बेंगलुरू की बैठक के बाद भी नीतीश के नाराज होने की खबर आई थी। नाराजगी का दूसरा कारण यह है कि नीतीश के बारे में मीडिया के सवाल पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कह दिया था कि यह केबीसी की तरह का सवाल है। उन्होंने 10 से 15 दिन में कोई फैसला होने की बात कही थी, जिस पर जदयू नेता केसी त्यागी ने नाराजगी जताई थी। नाराजगी का तीसरा कारण यह है कि कांग्रेस ने नीतीश के नाम पर सहमति बनाने की कोशिश नहीं की तभी ममता बनर्जी ने उनके नाम का विरोध किया।

अपनी नाराजगी जाहिर करने और अपना कद बढ़ाने के लिए नीतीश कोई खेल कर रहे हैं यह बात विपक्षी नेताओं को तब समझ में आई, जब संजय झा ने कहा कि नीतीश कुमार ने प्रस्ताव ठुकरा दिया है। इसके बाद शरद पवार ने पुणे में मीडिया को बताया कि नीतीश के नाम का प्रस्ताव आया था लेकिन सबके बीच यह सहमति बनी कि संयोजक की जरुरत नहीं है। पवार ने इस पूरे मामले को दूसरा रूप दिया। उन्होंने नहीं कहा कि नीतीश को प्रस्ताव दिया गया और उन्होंने ठुकरा दिया। इसके उलट उन्होंने कहा कि संयोजक पद की जरुरत नहीं समझी गई। लेकिन नीतीश अपना खेल कर चुके हैं। उन्होंने ‘इंडिया’ ब्लॉक पर दबाव बना दिया है तो साथ ही भाजपा को भी दरवाजा खुला होने का मैसेज दे दिया है।

NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *