कांग्रेस के नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इन दिनों सोशल मीडिया में मीम्स का सबसे लोकप्रिय सब्जेक्ट बने हैं। उनको लेकर तरह तरह के मजाक बन रहे हैं लेकिन सब जानना चाहते हैं कि आखिर क्या हुआ, जो वे अपने बेटे और बहू को लेकर भाजपा में नहीं शामिल हो सके? वे मध्य प्रदेश से शनिवार को विशेष विमान से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे तब तो वे पूरी तैयारी के साथ आए थे कि भाजपा में शामिल हो जाएंगे। फिर शनिवार और रविवार में ऐसा क्या हुआ, जो उनकी गाड़ी पटरी से उतर गई और वे कांग्रेस में ही रह गए? इसे लेकर सोशल मीडिया में किसी ने यह भी सुझाव दिया कि कांग्रेस को कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछना चाहिए कि कमलनाथ भाजपा में क्यों नहीं गए?
बहरहाल, पक्के तौर पर कोई कुछ नहीं बता रहा है लेकिन ऐसा लग रहा है कि दोनों तरफ से हिचक हो गई। कमलनाथ के ऊपर लगे सिख विरोधी दंगे का आरोप उनके रास्ते का रोड़ा बन गया। भाजपा के सिख नेता इसका विरोध कर रहे थे लेकिन साथ ही भाजपा को लगा कि किसान आंदोलन के कारण पहले ही उसकी छवि सिख विरोधी की बनी है। अगर कमलनाथ आते हैं तो पंजाब, हरियाणा, दिल्ली आदि में पार्टी को नुकसान हो सकता है। तभी यह बात भी आई थी कि कमलनाथ रिटायर हो जाएं और उनके बेटे को भाजपा में शामिल करा दिया जाए। हालांकि एक दूसरी कहानी के मुताबिक कमलनाथ खुद चाहते थे कि वे कांग्रेस में ही रहें लेकिन नकुलनाथ को भाजपा अपनी पार्टी में शामिल करा ले, जिसके लिए भाजपा के नेता तैयार नहीं हुए। एक तीसरी कहानी के मुताबिक कमलनाथ कभी नहीं चाहते भाजपा में जाना लेकिन उन्होंने इस ड्रामे के जरिए भाजपा आलाकमान को यकीन दिला दिया कि वे उन्हीं के साथ हैं और इस तरह से अपने परिवार के लिए एक सुरक्षा घेरा हासिल कर लिया है। वे राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के फोन करने या कांग्रेस की मान मनौव्वल से मान गए हैं, ऐसा सोचना अव्वल दर्जे की मूर्खता होगी।