तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति के नेता के चंद्रशेखर राव यानी केसीआर एक बार फिर अपनी पार्टी का नाम बदल सकते हैं। उन्होंने पिछले साल के विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव चला था और अपनी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदल कर भारत राष्ट्र समिति कर दिया था। उन्होंने राज्य के मतदाताओं को यह मैसेज देने का प्रयास किया था कि वे अखिल भारतीय राजनीति कर रहे हैं और तेलंगाना की जनता उनका साथ देती है तो वे प्रधानमंत्री भी बन सकते हैं। उन्होंने इसके लिए पूरे देश का दौरा किया था और तमाम विपक्षी नेताओं को एकजुट करने का प्रयास भी किया था। लेकिन उनका यह दांव चला नहीं और पार्टी 10 साल के बाद चुनाव हार कर सत्ता से बाहर हो गई।
उसके तुरंत बाद केसीआर के साथ एक दुर्घटना हो गई, जिसके बाद वे काफी समय तक अस्पताल में और घर पर आराम करते रहे। अब वे ठीक हैं और कहा जा रहा है कि पार्टी के नेताओं से मिलना शुरू कर दिया है। उनके बेटे केटी रामाराव भी लोकसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में राज्य का दौरा कर रहे हैं। हर जगह उनकी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उनसे कह रहे हैं कि पार्टी का नाम फिर से बदल कर तेलंगाना राष्ट्र समिति करना चाहिए। उनका कहना है कि केसीआर की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा अपनी जगह है लेकिन वह तभी पूरी होगी, जब प्रदेश में पार्टी मजबूत होगी। वे टीडीपी की मिसाल दे रहे हैं, जो इतनी पुरानी पार्टी है और उसके नेता भी राष्ट्रीय भूमिका में रहे लेकिन पार्टी का नाम नहीं बदला। सो, कहा जा रहा है कि बीआरएस का नाम एक बार फिर टीआरएस हो सकता है। इस बीच यह सवाल भी उठ रहा है कि अब केसीआर महाराष्ट्र की राजनीति करेंगे या नहीं? उन्होंने तेलंगाना में चुनाव से पहले महाराष्ट्र के बड़े दौरे किए थे।