राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

कर्नाटक में सिद्धारमैया से नाराज हैं लिंगायत

कर्नाटक में जातीय गणना शुरू होने वाली है। उससे पहले घमासान शुरू हो गया है। राज्य के सबसे बड़े जातीय समूह लिंगायत मुख्यमंत्री से नाराज है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री लिंगायत समुदाय को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा भी इससे नाराज है। यह भी कहा जा रहा है कि उप समूहों में बांटने की कोशिश हो रही है, इससे उनकी संख्या कम दिखेगी। अभी लिंगायत कर्नाटक की करीब सात करोड़ की आबादी में अपने को एक चौथाई से ज्यादा बताते हैं। हालांकि कर्नाटक सरकार की पिछली जातीय गणना में उनकी आबादी सिर्फ 66.35 लाख यानी 11 फीसदी बताई गई थी। इससे लिंगायत समुदाय काफी नाराज है।

बहरहाल, 22 सितंबर से शुरू होने वाली जातीय गणना से पहले लिंगायत समुदायों में विभाजन दिखने भी लगा है। वीरशैव लिंगायत एकता समावेश ने शुक्रवार को हुबली में एक  सम्मेलन का आयोजन किया है। कहा जा रहा है कि जागतिक लिंगायत महासभा के लोग इससे दूर रहेंगे। वीरशैव लिंगायत समुदाय ने लोगों से अपील की है कि धर्म के लिए बने कॉलम में ‘अन्य’ श्रेणी में अपने को दर्ज करें और वीरशैव लिंगायत के रूप में ही दर्ज करें। दूसरी ओर लिंगायत महासभा ने कहा है कि सभी लोग सिर्फ लिंगायत दर्ज करें। वीरशैव के एक उपसमूह पंचमहली भी बंटे हुए दिख रहे हैं। उनके मठों ने बुधवार को अलग मीटिंग बुलाई थी। कर्नाटक में लिंगायतों के सबसे बड़े नेता बीएस येदियुरप्पा की मौजूदगी में पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कांग्रेस और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर आरोप लगाया कि वे सबसे बड़े हिंदू समुदाय को बांटने की साजिश रच रहे हैं।

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *