चुनाव आयोग ने भले किसी मजबूरी में या किसी तकनीकी कारण से एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिव सेना को असली शिव सेना के तौर पर मान्यता दे दी है और उसे शिव सेना का नाम व चुनाव चिन्ह दे दिया हो लेकिन ऐसा लगता है कि खुद शिंदे भी अपने धड़े को असली शिव सेना नहीं मानते हैं। असली शिव सेना की कई पहचान में से एक पहचान यह है कि पिछले करीब पांच दशक से मुंबई के दादर में शिवाजी पार्क में हर विजयादशमी को शिव सेना की रैली होती है। इस बार भी मंगलवार को विजयादशमी के दिन शिवाजी पार्क में शिव सेना की रैली होगी और रैली उद्धव ठाकरे गुट के शिव सेना की होगी।
ध्यान रहे पिछले साल जब शिवासेना का विभाजन हुआ और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने उसके तीन महीने बाद ही विजयादशमी आ गई थी और उस समय तक चुनाव आयोग से असली शिव सेना का फैसला नहीं हुआ था। तब शिंदे ने शिवाजी पार्क में रैली करने की जिद नहीं की थी। लेकिन इस बार क्या हुआ? इस बार तो कानूनी रूप से असली शिव सेना उनकी पार्टी है फिर उन्होंने शिवाजी पार्क में रैली क्यों नहीं की? एकनाथ शिंदे गुट की विजयादशमी रैली दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में होगी, जबकि हर साल की तरह इस साल भी शिवाजी पार्क में रैली को उद्धव ठाकरे संबोधित करेंगे। इसका मतलब है कि शिंदे भी मान रहे हैं कि बाल ठाकरे की विरासत उद्धव ठाकरे को मिली है और शिवाजी पार्क की रैली को किसी ठाकरे को ही संबोधित करना चाहिए। इस रैली के बाद महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन को नई दिशा मिलने की बात कही जा रही है।