बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीम मायावती के परिवार का नाटक खुलेआम सोशल मीडिया के मंच पर चल रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ही मायावती अपने भतीजे और अपने समधी से लड़ रही हैं। उन्होंने पार्टी की बैठक बुला कर उसमें फैसला करने और प्रेस बयान जारी करके फैसले का ऐलान करने की बजाय हर बात कहने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स का सहारा लिया।
उन्होंने एक्स पर ही अपने भतीजे आकाश आनंद को दो बार अपने उत्तराधिकारी के पद से हटाया। एक बार नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटाया और फिर पार्टी से निकाला। उन्होंने सोशल मीडिया में ही अपने भतीजे के ससुर यानी अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाला। सोशल मीडिया के जरिए देश को बताया कि भतीजा अपने ससुर और ससुराल वालों के चक्कर में फंस गया है, जिससे बहुजन राजनीति का नुकसान हो रहा है।
मायावती की पार्टी में परिवार और सोशल मीडिया विवाद
अब मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद की तीसरी पारी बसपा में शुरू होने का ऐलान भी सोशल मीडिया में किया है। पहले उनके भतीजे ने एक के बाद कई पोस्ट लिख कर सार्वजनिक रूप से मायावती से माफी मांगी और कई तरह के वादे किए, जिसके बाद मायावती ने उनको माफ करते हुए पार्टी में वापस लिया। हालांकि इस बार तीसरी बार उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया है और न नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया है।
सोचें, इतनी बड़ी पार्टी, इतने बड़े जनाधार वाली पार्टी और इतनी बड़ी नेता अपने घर के और पार्टी के विवाद सोशल मीडिया में निपटा रही है! पिछले एक साल में आकाश आनंद को लेकर जो प्रकरण चला है वह इस बात का संकेत है कि मायावती बेचैन हैं और चीजें उनके कंट्रोल में नहीं हैं। यह भी पता चला है कि उनकी पार्टी जनता से पूरी तरह से कटी हुई है और वे न तो पार्टी की अंदर की चीजें फिक्स कर सकती हैं और न जनता के साथ दोबारा कनेक्ट बना सकती हैं।
इसलिए घरेलू और पार्टी की बातों को सार्वजनिक स्पेस में निपटाया जा रहा है। उनकी पार्टी के नेता और समर्थक भी इस बात से हैरान हैं कि नीतिगत और वैचारिक मामलों से इतर बसपा में सिर्फ परिवार की बातें हो रही हैं। राजनीति भी परिवार के इर्द गिर्द ही हो रही है।
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