nayaindia chhattisgarh government हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई

हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई

छत्तीसगढ़ में बनी नई सरकार से सरगुजा के आदिवासियों को राहत नहीं मिली है। नई सरकार आने के बाद अभी तक वन व पर्यावरण मंत्री की नियुक्ति नहीं हुई है कि लेकिन हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई शुरू हो गई है। वह भी बंदूक की नोक पर कंटाई हो रही है। सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। पंचायतों के चुन हुए प्रतिनिधियों को उनके घरों में बंद कर दिया गया है, सामाजिक कार्यकर्ता नजरबंद हैं और मजदूरों को खेतों में काम करने जाने से भी रोका जा रहा है। देश के जाने माने उद्योगपति गौतम अडानी के अडानी समूह की कोयला खदानों में खनन की शुरुआत कराने के लिए हजारों की संख्या में पेड़ काटे जा रहे हैं। आधिकारिक रूप से बताया गया है कि 15 हजार पेड़ काट दिए गए।

सरगुजा के उदयपुर इलाके में 92 हेक्टेयर वन उजाड़ने का काम चल रहा है। घटबर्रा गांव के सरपंच के घर में कई लोग नजरबंद किए गए। सरपंच को भी घर से नहीं निकलने दिया गया। हरिहरपुर, फतेहपुर सहित पांच गांवों में हर चौराहे पर 15 से 20 जवान तैनात हैं। मजदूरों को खेत में भी काम नहीं करने जाने दिया जा रहा है। पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि पेड़ काटने से हाथी और इंसानों के बीच संघर्ष बढ़ेगा। भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून ने भी अपनी रिपोर्ट में यह बात कही थी। पिछले साल जुलाई में विधानसभा ने आम राय से प्रस्ताव पास किया था कि हसदेव के सारे कोल ब्लॉक रद्द होंगे। लेकिन दो महीने बाद खुद कांग्रेस की सरकार ने ही 43 हेक्टेयर के जंगल कटवाए थे। अगर कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया होता तो आज यह नौबत नहीं आती। आज कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग हो रही है पर इस मामले में दोनों का रवैया एक जैसा है।

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