प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आमतौर पर सार्वजनिक जगहों पर नेताओं के साथ निजी संबंधों का प्रदर्शन नहीं करते हैं। एकाध बार उन्होंने किया हो तो वह अपवाद है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से देखने को मिल रहा है कि वे राज्यों के नेताओं के साथ निजी बॉन्डिंग का खुला प्रदर्शन कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद प्रधानमंत्री जहां भी गए वहां उन्होंने स्थानीय नेताओं के साथ खूब हंसी ठिठोली की और निजी तौर पर नजदीकी दिखाई। इसे लेकर सोशल मीडिया में अलग विवाद छिड़ा है।
भाजपा और मोदी विरोधी खेमा इस बात की ओर प्वाइंट आउट कर रहा है कि देश जिस समय पहलगाम घाटी में मारे गए बेकसूर नागरिकों का दुख मना रहा था उस समय प्रधानमंत्री रैली कर रहे थे और साथी नेताओं के साथ हंसी ठिठोली कर रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी की निजी बॉन्डिंग पर विवाद
सबसे पहले बिहार के मधुबनी में इसकी ओर ध्यान गया। मधुबनी की रैली पहलगाम नरसंहार के दो दिन बाद यानी 24 अप्रैल को हुई थी। उसी दिन देश के अलग अलग राज्यों में मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार हो रहा था। लेकिन मंच पर प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी बात पर हंसी ठिठोली कर रहे थे। नीतीश ने उनका हाथ पकड़ा था और दोनों ने आत्मीयता का प्रदर्शन किया। उसके बाद प्रधानमंत्री केरल के दौरे पर गए तो वहां कांग्रेस नेता शशि थरूर ने उनके साथ मंच साझा किया। तब प्रधानमंत्री ने हंसी मजाक करते हुए कहा कि यह तस्वीर देख कर बहुतों की नींद उड़ जाएगी।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने तंज किया कि देश दुख मना रहा है तो प्रधानमंत्री विपक्षी पार्टियों की नींद उड़ाने में लगे हैं। इसी तरह प्रधानमंत्री आंध्र प्रदेश गए तो वहां उन्होंने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश के साथ खूब ठिठोली की। उन्होंने नारा लोकेश की बांह मरोड़ी और धौल धप्पा करते हुए दिल्ली आकर मिलने को कहा। लोकेश ने कहा कि वे परिवार के साथ मोदी से मिलने दिल्ली आएंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री ने उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण का हालचाल पूछा और उनको एक कैंडी दी, जिसके बारे में बाद में बताया गया कि पवन कल्याण खांस रहे थे तो उनको कफ की एक कैंडी पीएम ने दी।
Also Read: आकाश को बड़ी जिम्मेदारी देगी मायावती?
Pic Credit: ANI