जनता दल यू के सभी नेता दिल्ली पहुंच गए हैं। दिल्ली में 29 दिसंबर को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है। इस बैठक में जो फैसला होगा या जो प्रस्ताव पास किया जाएगा उस पर पूरे देश की नजर होगी। दिल्ली रवाना होने से पहले नीतीश ने कहा है कि यह रूटीन की बैठक है, जो हर साल होती है। लेकिन सबको पता है कि यह रूटीन की बैठक नहीं है। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष को बदलने का फैसला होना है। बताया जा रहा है कि भले अभी जो कुछ कहा जा रहा हो लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। 29 दिसंबर की बैठक में उनका इस्तीफा स्वीकार हो सकता है और जानकार सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार खुद अध्यक्ष बन सकते हैं। उनके साथ एक कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किया जा सकता है।
इस बैठक में गठबंधन के बारे में फैसला करने के लिए नीतीश कुमार को अधिकृत किया जा सकता है। जानकार सूत्रों का कहना है कि गठबंधन बदल का फैसला 14 जनवरी के बाद होगा। असल में नीतीश की पार्टी के 16 में से 13 लोकसभा सांसद चाहते हैं कि राजद के साथ तालमेल खत्म हो और भाजपा के साथ फिर से तालमेल हो। इसका कारण यह है कि राजद के साथ तालमेल में कम से कम आठ या नौ सांसदों की सीट बदलेगी यानी उनकी टिकट कटेगी। सो, या तो नीतीश भाजपा के साथ जाएं या इसके लिए तैयार रहें कि उनके आठ-नौ सांसद पार्टी छोड़ दें। अगर सांसदों की भगदड़ नहीं रोकी गई तो विधायकों में भी भगदड़ मचेगी। इसलिए नीतीश को इस बारे में फैसला करना होगा।