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  • नीतीश अब बड़ा भाई नहीं रहे

    नई दिल्ली। बिहार में आधिकारिक रूप से अब नीतीश कुमार और उनकी पार्टी ने एनडीए में बड़े भाई का ओहदा गंवा दिया है। विधानसभा चुनाव 2025 में भाजपा और जनता दल यू दोनों बराबर सीटों पर लड़ेंगे। कई दिन की माथापच्ची के बाद रविवार की शाम को एनडीए के घटक दलों में सीट बंटवारे का ऐलान हो गया। भाजपा और जनता दल यू अब बराबर के भाई हैं। दोनों 101-101 सीट पर लड़ेंगे। बिना विधायक वाली लोक जनशक्ति पार्टी को 29 सीटें मिली हैं, जबकि जीतन राम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय  लोक मोर्चा छह-छह सीटों...

  • भाजपा ने बिहार खरीदा, जीत लिया!

    हो सकता है मैं गलत हूं, फिर भी मेरा मानना है बिहार मोदी-शाह की गोद में है। तेजस्वी, राहुल गांधी, प्रशांत किशोर किसी का कोई अर्थ नहीं। इन सबकी याकि विपक्ष की दिक्कत है जो नहीं समझते कि नरेंद्र मोदी-अमित शाह चौबीस घंटे सत्ता की भूख में जीते हैं। कैसे भी हो सत्ता में रहना है। सोचें, ईस्ट इंडिया कंपनी के बनिया अंग्रेज और मोदी-शाह में क्या समानता है? फूट डालो, राज करो और खरीदो! त्रासद है उस इतिहास को याद कराना। पर तथ्य याद करें कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1757 में पलासी और 1764 में बक्सर के युद्ध...

  • घुसपैठिया मुद्दे से जदयू सहज नहीं

    बिहार में भारतीय जनता पार्टी अपने आजमाए हुए फॉर्मूले से अलग हटने को राजी नहीं है। उसने विधानसभा चुनाव से पहले घुसपैठिया मुद्दे को हाईलाइट किया है तो मोदी और महिला के साथ साथ मंदिर का मुद्दा भी बनाया है। पिछले कई दिनों से एक के बाद एक मंदिर निर्माण का फैसला राज्य सरकार कर रही है और भाजपा के नेता व उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी इसकी घोषणा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोनों ने बिहार की अपनी सभाओं में घुसपैठियों पर निशाना साधा और ऐलान किया कि एक एक घुसपैठिए की पहचान...

  • एनडीए में जुड़वां भाई का फॉर्मूला

    महागठबंधन की तरह सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन में भी सीटों का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है। वहां भी दोनों बड़ी पार्टियां अपनी सीटें छोड़ने पर राजी हो गई हैं।  पिछली बार नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यू 115 सीटों पर लडी थी और भाजपा 110 सीटों पर। इस बार दोनों एक एक सौ सीटों पर लडऩे के लिए राजी हो गए हैं। हालांकि इसके बावजूद समीकरण बैठाना आसान नहीं दिख रहा है क्योंकि चिराग पासवान किसी हाल में 30 से कम सीट पर लड़ने को राजी नहीं हो रहे हैं। वे अपनी पांच लोकसभा सीटों के हिसाब से कम...

  • अगड़ा-पिछड़ा राजनीति का दांव मुश्किल

    बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ी सावधानी से अगड़ा और पिछड़ा का दांव खेलने का प्रयास हो रहा है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता अशोक महतो का यह बयान कि, ‘भूराबाल पूरी तरह से साफ कर देना है’, इसी राजनीति का संकेत है। इससे पहले राजद की प्रवक्ता सारिका पासवान और सवर्ण नेता आशुतोष कुमार के बीच हुई जुबानी जंग और मुकदमेबाजी को भी इसी नजरिए से देखने की जरुरत है। उस समय राजद के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से सामाजिक विभाजन बढ़ाने वाली पोस्ट की गई थी। हालांकि राजद के नेता तुरंत संभल गए और अपने कदम पीछे खींच लिए।...

  • बिहार में शह और मात का खेल

    बिहार की तीनों बड़ी पार्टियां राष्ट्रीय जनता दल, भाजपा और जनता दल यू दबाव में हैं क्योंकि उनकी सहयोगी छोटी पार्टियां तेवर दिखा रही हैं। छोटी पार्टियों को पता है कि चुनाव से पहले गठबंधन बचाने की जिम्मेदारी बड़ी पार्टियों की है और बड़ी पार्टियां उनकी बात मान सकती हैं। इसलिए सबने अपनी अपनी मांग बढ़ा दी है। अगर एनडीए की बात करें तो तीन छोटी पार्टियां हैं, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा। इनमें से चिराग पासवान पिछली बार अकेले लड़े थे और कुशवाहा...

  • भाजपा, जदयू के बड़े नेता चुनाव नहीं लड़ेंगे

    बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां चल रही हैं। समय नजदीक आता जा रहा है। यह अलग बात है कि अभी तक बिहार में वैध मतदाता सूची नहीं है। चुनाव आयोग 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करेगा और उसके बाद चुनाव की घोषणा होगी। पार्टियों में सीट बंटवारे की भी बातचीत नहीं हुई है और जो भी होगा वह 22 सितंबर से नवरात्र शुरू होने के बाद ही होगा। इस बीच मतदाता सूची से लेकर सीट बंटवारे तक अनेक कहानियां चल रही हैं। इसमें एक कहानी यह है कि एनडीए की दो बड़ी पार्टियों यानी भाजपा और जनता...

  • मोदी को गाली और विपक्ष की जिद

    बिहार के दरभंगा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मां की गाली दिए जाने की घटना बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गई है। इसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाने का जितना श्रेय खुद प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी को है उतना ही श्रेय विपक्षी पार्टियों को भी जाता है। कांग्रेस के साथ साथ राजद के नेता अति उत्साह में इसे बड़ा मुद्दा बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं। विपक्ष इस मामले में एक के बाद एक बड़ी गलतियां कर रहा है और भाजपा के बिछाए जाल में उलझता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी पार्टी और उनके इकोसिस्टम ने इस घटना के...

  • जदयू बड़ा भाई रह पाएगी या नहीं?

    बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ब्लॉक, जिसे बिहार में महागठबंधन कहते हैं, दोनों में सीट शेयरिंग पर चर्चा हो रही है। एनडीए में मामला ज्यादा उलझा हुआ लग रहा है। बिहार में एनडीए की कमान हमेशा जनता दल यू के हाथ में रही है। एक समय तो ऐसा भी रहा है, जब नीतीश कुमार ही भाजपा की राजनीति भी संभालते थे। लेकिन अब स्थितियां बदल गई हैं। नीतीश कुमार जब अपनी लोकप्रियता के चरम पर थे तब लोकसभा और विधानसभा दोनों में ज्यादा सीटों पर लड़ते थे। 2009 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी जनता दल...

  • विपक्ष की गारंटी नीतीश पूरी कर रहे हैं

    विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की नीतीश कुमार सरकार एक के बाद एक लोक लुभावन घोषणाएं करती जा रही है। ऐसी घोषणाएं हो रही हैं, जिनका पहले नीतीश खुद विरोध करते रहे हैं। उनकी सरकार ने 125 यूनिट बिजली फ्री करने का ऐलान किया है। इसे अगस्त से ही लागू कर दिया जाएगा यानी जुलाई का जो बिल लोगों को मिलेगा, उसमें 125 यूनिट बिजली माफ होगी। माना जा रहा है कि डेढ़ करोड़ से ज्यादा परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। कुछ दिन पहले एक सौ यूनिट बिजली फ्री करने का प्रस्ताव आया था तो नीतीश कुमार ने इसका विरोध...

  • बिहार में कोई गठबंधन भरोसे में नहीं

    बिहार की 17वीं विधानसभा का आखिरी सत्र चल रहा है, जिसमें पक्ष और विपक्ष दोनों चुनाव का एजेंडा तय करने की होड़ में लगे हैं। 25 जुलाई तक चलने वाले  पांच दिन के इस सत्र में सत्तारूढ़ गठबंधन यानी एनडीए और विपक्षी गठबंधन यानी ‘इंडिया’ के बीच एक दूसरे को भ्रष्ट, बेईमान और निकम्मा साबित करने की होड़ लगी है। सत्र के दूसरे दिन मंगलवार, 22 जुलाई को तो विपक्ष ने विधानसभा के गेट पर ताला जड़ दिया, जिसे तोड़ कर मुख्यमंत्री को सदन में जाना पड़ा। जाहिर है कि चार महीने में चुनाव हैं तो इस तरह की नौटंकियां...

  • बहलाने के हथकंडे

    भारत की कथित लोकतांत्रिक राजनीति भटक चुकी है। ‘लोक’ को भरमाने, बहकाने और बहलाने के उपाय ढूंढना ही इसमें कामयाबी का मूलमंत्र बन गया है। वरना, अगर रोजगार की चिंता होती, तो बिहारी नेता इस समस्या पर समग्र नजरिए से विचार करते।  बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मूल निवासी (डोमिसाइल) का मुद्दा गरमाया हुआ है। महा-गठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने कुछ रोज पहले एलान किया कि उनकी सरकार बनी, तो सभी सरकारी नौकरियां बिहार के मूलवासियों के आरक्षित कर दी जाएंगी। नई उभरी जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर का भी मुख्य मुद्दा अब तक हुई...

  • बिहार में एनडीए में खटराग शुरू

    बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। चुनाव आयोग की टीम अपनी तैयारियां कर रही हैं तो पार्टियों की अलग तैयारी चल रही है। इस बीच प्रदेश के सत्तारूढ़ गठबंधन यानी  एनडीए के अंदर खटराग शुरू हो गया है। कह सकते हैं कि किसी गठबंधन में पांच पार्टियां हैं तो उनमें खींचतान होना स्वाभाविक है। लेकिन जहां भाजपा ने 45 विधायक वाले नेता को मुख्यमंत्री बनाया हो, दो छोटी पार्टियों के नेताओं को केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनाया हो और तीसरी छोटी पार्टी के नेता को लोकसभा चुनाव हारने के बाद राज्यसभा भेजा हो, वहां भला क्यों...

  • गठबंधन तोड़ने का फैसला नीतीश का था

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन दिनों भाजपा के साथ होने वाले एनडीए के हर कार्यक्रम में यह सफाई देते हैं कि उनकी पार्टी के लोगों ने दो बार गड़बड़ करा दी थी यानी दो बार एनडीए से अलग करा दिया था लेकिन अब वे ऐसी गलती नहीं करेंगे। यह बात उन्होंन 24 अप्रैल को मधुबनी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भी कही। लेकिन इस बार उन्होंने नई बात जोड़ दी। उन्होंने अपनी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की ओर इशारा करके कहा कि इन्होंने तालमेल खत्म कराया था।...

  • भाजपा भी कंफ्यूजन बना रही है

    ऐसा नहीं है कि बिहार में सिर्फ कांग्रेस ने कंफ्यूजन बनाया है। भाजपा ने ज्यादा कंफ्यूजन बना दिया है। उसने एक अजीब राजनीतिक फॉर्मूला तैयार किया है, जिसका इस्तेमाल बिहार में भी किया जा रहा है। बिहार में बार बार कहा जा रहा है कि चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा लेकिन मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव के बाद होगा। सवाल है कि जिसके नेतृत्व में विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा वह चुनाव के बाद मुख्यमंत्री क्यों नहीं होगा? क्या जिसके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा बिहार के लोग उसको स्वाभाविक रूप से मुख्यमंत्री का दावेदार नहीं मानेंगे? भाजपा...

  • वक्फ बिल पर जदयू ने दिखाए तेवर

    नई दिल्ली। केंद्र सरकार बुधवार, दो अप्रैल को वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश कर सकती है। उससे पहले सरकार की सहयोगी जनता दल यू ने तेवर दिखाए हैं। जदयू ने कहा है कि उसने इस विधेयक को लेकर सरकार को अहम सुझाव दिए हैं। पार्टी का दावा है कि सरकार ने उसके सुझावों को तरजीह दी है। लेकिन अभी तक बिल की कॉपी अभी तक सरकार की ओर से सरकुलेट नहीं किया गया है। इसलिए इसका समर्थन करने के बारे में जदयू का अंतिम फैसला बिल की कॉपी देखने के बाद ही होगा। वक्फ बिल पर जदयू ने केंद्र...

  • बिहार में ‘पोस्टर वॉर’: जदयू के पोस्टर में राजद पर निशाना, स्कैनर से खुलेगा शासनकाल का सच

    Poster War : बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव संभावित है। चुनाव को लेकर अभी से ही राजनीतिक दल अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। इसे लेकर एक-दूसरे को घेरने का भी कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे में बिहार में पोस्टर वार जारी हो गया है। जदयू कार्यकर्ताओं ने नया पोस्टर जारी किया है। (Poster War) जदयू कार्यकर्ताओं की ओर से जारी भूलेगा नहीं बिहार नाम के इस पोस्टर में "जंगलराज का अत्याचार, भूलेगा नहीं बिहार" लिखा है। पोस्टर में स्कैनर भी दिया गया है, जिसे स्कैन करते ही राजद शासनकाल के कानून-व्यवस्था की जानकारी मिलेगी।...

  • भाजपा नीतीश को निपटा रही!

    बिहार में इस साल चुनाव होना है और उससे पहले पटना में जो राजनीति हो रही है उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि भाजपा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ क्या करना चाहती है? केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान के कोई डेढ़ महीने के बाद उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा है कि बिहार में विधानसभा का चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा लेकिन मुख्यमंत्री का फैसला निर्धारित प्रक्रिया के हिसाब से भाजपा का संसदीय बोर्ड करेगा। इसका क्या मतलब समझ में आता है? नेतृत्व नीतीश करेंगे...

  • बिहार का सर्वे कितना सही है?

    बिहार में सी वोटर ने एक सर्वेक्षण किया है। चुनाव की घोषणा से छह महीने पहले हुए इस ओपिनियन पोल के हिसाब से बिहार में सबसे ज्यादा 41 फीसदी लोग राजद के तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं। नीतीश कुमार की लोकप्रियता में बड़ी कमी आई है और सिर्फ 18 फीसदी लोगों की पसंद वे हैं। उसके बाद सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 15 फीसदी लोगों ने प्रशांत किशोर को मुख्यमंत्री के रूप में पसंद किया है। भाजपा के सम्राट चौधरी को आठ फीसदी और लोजपा के चिराग पासवान को चार फीसदी लोगों ने पसंद किया है।...

  • भाजपा की सहयोगी पार्टियां फेल

    दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी 70 में से 68 सीटों पर लड़ी थी और एक एक सीट जनता दल यू और लोक जनशक्ति पार्टी को दी थी। लेकिन दोनों सीटों पर भाजपा की सहयोगी पार्टियां चुनाव हार गईं। बिहार में सरकार चला रही जनता दल यू ने भाजपा से जिद करके बुराड़ी सीट ली थी, जबकि भाजपा उसे संगम विहार और द्वारका सीट देने को राजी थी। लेकिन नीतीश कुमार ने अपने एक प्रिय आईएएस अधिकारी के ससुर को टिकट देने के लिए बुराड़ी सीट ली। आईएएस के ससुर शैलेंद्र कुमार पिछली बार भी चुनाव हारे थे और इस बार...

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