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  • बिहार में नीतीश को लगा झटका

    बिहार में रूपौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव दोनों के लिए कई कारणों से यह सीट प्रतिष्ठा की लड़ाई बनी थी। इस प्रतिष्ठा की लड़ाई में तेजस्वी यादव की तो बुरी तरह से हार हुई है। लेकिन साथ ही नीतीश को भी बड़ा झटका लगा है। उनके उम्मीदवार कलाधर मंडल चुनाव हार गए हैं और सबसे दिलचस्प बात यह रही कि निर्दलीय शंकर सिंह ने उनको हराया। राजद की बीमा भारती तीसरे स्थान पर रहीं। पूर्णिया लोकसभा चुनाव में भी राजद की टिकट से लड़ीं बीमा भारती के...

  • नीतीश के उत्तराधिकारी होंगे मनीष वर्मा!

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश के उन गिने चुने नेताओं में से हैं, जिन्होंने अपने परिवार को किसी सदस्य को राजनीति में आगे नहीं बढ़ाया। उनका बेटा इंजीनियरिंग करने के बाद बेरोजगार है लेकिन पार्टी के तमाम नेताओं के आग्रह के बावजूद नीतीश ने बेटे को राजनीति में नहीं उतारा। तभी उनकी पार्टी का कोई सर्वमान्य नंबर दो नेता नहीं है और किसी को उत्तराधिकारी नहीं माना जाता है। नीतीश ने इस दिशा में कई प्रयास किए लेकिन कामयाबी नहीं मिली। पहले उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी रहे आरसीपी सिंह को उनका उत्तराधिकारी माना जा रहा था। वे...

  • जदयू को पूरी तरजीह दे रहे हैं मोदी

    भले जनता दल यू ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को समर्थन देने के बदले कोई मांग नहीं रखी या मोलभाव नहीं किया लेकिन भाजपा उसका पूरा ख्याल रख रही है। दोनों पार्टियों के बीच परफेक्ट तालमेल भी दिख रहा है। प्रधानमंत्री मोदी पिछले दिनों बिहार के दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय के नए रूप का उद्घाटन किया तो उन्होंने भाजपा के प्रदेश नेताओं के साथ भी बातचीत की थी। बताया जा रहा है कि मोदी ने सभी प्रदेश नेताओं को बहुत साफ शब्दों में निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ कोई बयानबाजी नहीं...

  • जदयू को राज्यसभा की सीट नहीं मिलेगी

    बिहार में राज्यसभा की दो सीटें खाली हुई हैं। भाजपा के विवेक ठाकुर लोकसभा चुनाव जीत गए तो उनकी सीट खाली हुई और राजद की मीसा भारती के चुनाव जीतने से दूसरी सीट खाली हुई है। पहले कहा जा रहा था कि इसमें एक सीट जदयू को मिलेगी और भाजपा अपने कोटे की एक सीट लेगी। लेकिन अब नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यू को इन दो में से कोई सीट नहीं मिल रही है। नीतीश कुमार की पार्टी को बदले में विधान परिषद की एक सीट मिली है, जिस पर भगवान सिंह कुशवाहा का नामांकन कराया गया है।...

  • बिहार का सिरदर्द बड़ा

    इसको सिर मुंडाते ही ओले पड़ना कहते हैं। केंद्र में नरेंद्र मोदी को पहली बार गठबंधन सरकार का नेतृत्व करना पड़ा और शपथ लेने के 11 दिन के बाद ही बिहार में आरक्षण कानून को लेकर फच्चर पड़ गया  है। हाई कोर्ट ने आरक्षण की सीमा बढ़ाने के बिहार सरकार के कानून को निरस्त कर दिया। यह कानून नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार ने पास कराया था। तब भाजपा विपक्ष में थी लेकिन उसने इसका समर्थन किया था। बाद में विधानमंडल से पास इस कानून को राज्यपाल ने भी आनन फानन में मंजूरी दे दी थी। लेकिन...

  • बिहार से एक नई राजनीति की शुरुआत

    इसको सिर मुंडाते ही ओले पड़ना कहते हैं। केंद्र में नरेंद्र मोदी को पहली बार गठबंधन सरकार का नेतृत्व करना पड़ा और शपथ लेने के 11 दिन के बाद ही बिहार में आरक्षण कानून को लेकर फच्चर पड़ गया  है। हाई कोर्ट ने आरक्षण की सीमा बढ़ाने के बिहार सरकार के कानून को निरस्त कर दिया। यह कानून नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार ने पास कराया था। तब भाजपा विपक्ष में थी लेकिन उसने इसका समर्थन किया था। बाद में विधानमंडल से पास इस कानून को राज्यपाल ने भी आनन फानन में मंजूरी दे दी थी। लेकिन...

  • बिहार में विधानसभा चुनाव का सस्पेंस

    इसको सिर मुंडाते ही ओले पड़ना कहते हैं। केंद्र में नरेंद्र मोदी को पहली बार गठबंधन सरकार का नेतृत्व करना पड़ा और शपथ लेने के 11 दिन के बाद ही बिहार में आरक्षण कानून को लेकर फच्चर पड़ गया  है। हाई कोर्ट ने आरक्षण की सीमा बढ़ाने के बिहार सरकार के कानून को निरस्त कर दिया। यह कानून नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार ने पास कराया था। तब भाजपा विपक्ष में थी लेकिन उसने इसका समर्थन किया था। बाद में विधानमंडल से पास इस कानून को राज्यपाल ने भी आनन फानन में मंजूरी दे दी थी। लेकिन...

  • पार्टियों के उत्तराधिकार का मसला उलझा

    इसको सिर मुंडाते ही ओले पड़ना कहते हैं। केंद्र में नरेंद्र मोदी को पहली बार गठबंधन सरकार का नेतृत्व करना पड़ा और शपथ लेने के 11 दिन के बाद ही बिहार में आरक्षण कानून को लेकर फच्चर पड़ गया  है। हाई कोर्ट ने आरक्षण की सीमा बढ़ाने के बिहार सरकार के कानून को निरस्त कर दिया। यह कानून नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार ने पास कराया था। तब भाजपा विपक्ष में थी लेकिन उसने इसका समर्थन किया था। बाद में विधानमंडल से पास इस कानून को राज्यपाल ने भी आनन फानन में मंजूरी दे दी थी। लेकिन...

  • जदयू की ओर से दबाव की राजनीति

    इसको सिर मुंडाते ही ओले पड़ना कहते हैं। केंद्र में नरेंद्र मोदी को पहली बार गठबंधन सरकार का नेतृत्व करना पड़ा और शपथ लेने के 11 दिन के बाद ही बिहार में आरक्षण कानून को लेकर फच्चर पड़ गया  है। हाई कोर्ट ने आरक्षण की सीमा बढ़ाने के बिहार सरकार के कानून को निरस्त कर दिया। यह कानून नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार ने पास कराया था। तब भाजपा विपक्ष में थी लेकिन उसने इसका समर्थन किया था। बाद में विधानमंडल से पास इस कानून को राज्यपाल ने भी आनन फानन में मंजूरी दे दी थी। लेकिन...

  • नीतिगत मामलों पर अड़ेंगे नीतीश

    इसको सिर मुंडाते ही ओले पड़ना कहते हैं। केंद्र में नरेंद्र मोदी को पहली बार गठबंधन सरकार का नेतृत्व करना पड़ा और शपथ लेने के 11 दिन के बाद ही बिहार में आरक्षण कानून को लेकर फच्चर पड़ गया  है। हाई कोर्ट ने आरक्षण की सीमा बढ़ाने के बिहार सरकार के कानून को निरस्त कर दिया। यह कानून नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार ने पास कराया था। तब भाजपा विपक्ष में थी लेकिन उसने इसका समर्थन किया था। बाद में विधानमंडल से पास इस कानून को राज्यपाल ने भी आनन फानन में मंजूरी दे दी थी। लेकिन...

  • तेजस्वी का दांव भी काम नहीं आया

    इसको सिर मुंडाते ही ओले पड़ना कहते हैं। केंद्र में नरेंद्र मोदी को पहली बार गठबंधन सरकार का नेतृत्व करना पड़ा और शपथ लेने के 11 दिन के बाद ही बिहार में आरक्षण कानून को लेकर फच्चर पड़ गया  है। हाई कोर्ट ने आरक्षण की सीमा बढ़ाने के बिहार सरकार के कानून को निरस्त कर दिया। यह कानून नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार ने पास कराया था। तब भाजपा विपक्ष में थी लेकिन उसने इसका समर्थन किया था। बाद में विधानमंडल से पास इस कानून को राज्यपाल ने भी आनन फानन में मंजूरी दे दी थी। लेकिन...

  • नीतीश को कम सभाएं करनी चाहिएं

    इसको सिर मुंडाते ही ओले पड़ना कहते हैं। केंद्र में नरेंद्र मोदी को पहली बार गठबंधन सरकार का नेतृत्व करना पड़ा और शपथ लेने के 11 दिन के बाद ही बिहार में आरक्षण कानून को लेकर फच्चर पड़ गया  है। हाई कोर्ट ने आरक्षण की सीमा बढ़ाने के बिहार सरकार के कानून को निरस्त कर दिया। यह कानून नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार ने पास कराया था। तब भाजपा विपक्ष में थी लेकिन उसने इसका समर्थन किया था। बाद में विधानमंडल से पास इस कानून को राज्यपाल ने भी आनन फानन में मंजूरी दे दी थी। लेकिन...

  • बिहार में तेजस्वी का तेज !

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  • तेजस्वी के बयान का बड़ा मतलब

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  • बिहार में भाजपा की सीटें ही फंसी

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  • लालू ने भी नीतीश पर हमला शुरू किया

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  • बिहार में भाजपा कितनी सुरक्षित?

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  • बिहार में कौन किसके भरोसे है?

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  • बिहार में जाति समीकरण काम कर रहा!

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  • बिहार एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं

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