बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले कुछ दिनों से लगातार लालू प्रसाद और उनके परिवार के ऊपर निजी हमले कर रहे थे। हालांकि इसका कारण समझ में नहीं आ रहा है कि वे क्यों निजी हमला कर रहे हैं। इससे पहले कभी नीतीश ने लालू और उनके परिवार पर निजी हमला नहीं किया था। वे लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के राज को जंगल राज बता कर राजनीति करते रहे हैं और इसी पर उनको सफलता मिली है। नीतीश ने लालू से तीन दशक के अलगाव में कभी भी इस बात के लिए उन पर हमला नहीं किया कि उनके नौ नौ बच्चे हैं या वे अपने परिवार को आगे बढ़ाते हैं। ध्यान रहे लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव को पहली बार नीतीश कुमार ने ही अपनी सरकार में उप मुख्यमंत्री बनाया था और उसी से उनकी राजनीति शुरू हुई थी।
लेकिन इस बार के चुनाव में नीतीश लगातार इस बात के लिए लालू पर हमला कर रहे हैं उनके बहुत बच्चे हैं और वे अपने परिवार को ही आगे बढ़ाते हैं। ऐसा लग रहा है कि उनके करीबी नेताओं में भाजपा के समर्थकों का एक छोटा सा समूह है, जो यह सुनिश्चित करना चाहता है कि नीतीश फिर से लालू प्रसाद के साथ नहीं लौटें। तभी उनके दिमाग में लालू परिवार के बातें भरी जा रही हैं। कई दिन सुनने के बाद अब लालू प्रसाद भी भड़क गए हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया है कि नीतीश को कोई बीमारी है। ध्यान रहे पिछले कुछ दिनों से इस बात की चर्चा है कि बातें भूल रहे हैं। लालू का इशारा इसी ओर था। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार वे नीतीश को नहीं छोड़ेंगे, सबक सिखा देंगे।