nayaindia Rahul gandhi Bharat jodo naya yatra राहुल की यात्रा पर सहयोगियों के सवाल

राहुल की यात्रा पर सहयोगियों के सवाल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर सिर्फ भाजपा और उसकी सरकारें ही सवाल नहीं उठा रही हैं, बल्कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल पार्टियों की ओर से भी सवाल उठाया जा रहा है। विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने वाले नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के नेता केसी त्यागी ने इस पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि अगर राहुल की यात्रा कांग्रेस की बजाय ‘इंडिया’ की यात्रा होती तो ज्यादा बेहतर होता। हालांकि उन्होंने इसका विरोध नहीं किया और न यह कहा कि उनकी पार्टी यात्रा में शामिल नहीं होगी। लेकिन वह बात कही, जो दबी जुबान से कई पार्टियों के नेता कह रहे हैं। ‘इंडिया’ के अंदर यह आम धारणा है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राहुल गांधी को अकेले या कांग्रेस की यात्रा निकालने की बजाय पूरे गठबंधन की ओर से यात्रा करनी चाहिए थी। उससे गठबंधन की पार्टियों की एकजुटता दिखाई देती और कार्यकर्ताओं को अच्छा मैसेज जाता।

गौरतलब है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में कहा जा रहा है कि वे 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्य तिथि के मौके पर बिहार के पूर्णिया में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की रैली में शामिल हो सकते हैं। बहरहाल, जदयू के अलावा सीपीएम ने एक अलग मुद्दा उठाया है। सीपीएम का कहना है कि राहुल की इस यात्रा में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को शामिल नहीं किया जाना चाहिए। सीपीएम ने कहा है कि अगर पश्चिम बंगाल में यात्रा के दौरा तृणमूल के नेता शामिल हुए तो सीपीएम के नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे। हालांकि ममता बनर्जी ने कांग्रेस के साथ तालमेल नहीं करने की घोषणा करके सीपीएम के सवाल को अप्रासंगिक बना दिया है। उधर गुवाहाटी में अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि ममता बनर्जी के साथ उनका तालमेल बहुत अच्छा है और सीटों की बात हो रही है। तो दूसरी ओर ममता बनर्जी ने ऐलान कर दिया कि वे कांग्रेस से तालमेल नहीं करेंगी और सभी 42 सीटों पर अकेले लड़ेंगी।

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